सूरज की गर्मी से हर माह लाखों की बिजली बना रहा मेट्रो, हर दिन 2700 यूनिट होती है जेनरेट
लखनऊ के मेट्रो के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित डिपो से हर दिन सोलर से जनरेट होती है 2700 यूनिट अब केवल 3500 यूनिट की खपत।
लखनऊ [अंशू दीक्षित]। नार्थ साउथ कॉरिडोर में मेट्राे का संचालन बंद हुए करीब चार माह हो गए हैं। इसके बाद भी मेट्रो ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करना बंद नहीं किया है। एक तरफ 23 किमी. मेट्रो रूट पर हरियाली का ग्राफ बढ़ा है। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेट्रो डिपो प्रतिदिन बीस हजार रुपये की बिजली सोलर पैनल के जरिए जनरेट कर रहा है। क्योंकि मेट्रो ने उस स्थान पर एक मेगावाॅट के सोलर पैनल लगा रखे हैं, जिससे 2700 यूनिट बिजली नियमित रूप से जनरेट होती है। वर्तमान में मेट्रो का खर्चा जो कभी 3900 यूनिट था, वह भी संचालन बंद होने से घटकर 3,400 यूनिट के आसपास हो गया है। ऐसे में मेट्रो हर माह छह लाख रुपये की बिजली जनरेट कर रहा है। 43 एकड़ में फैला यह डिपो सूरज की रोशनी से ही जगमगाता है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव कहते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर व पाॅलीटेक्निक स्थित बिजली घरों में दस-दस किलोवॉट के सोलर पैनल बिजली खर्च को कम कर रहे हैं। इसी तरह गोमती नगर स्थित प्रशासनिक भवन में 12 किलोवॉट का सोलर पैनल से पूरे परिसर के एलइडी व पंखे चलते हैं।
मेट्रो स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी
यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने बताया कि एलीवेटेड स्टेशनों की छत पर आगामी कुछ माह में सोलर पैनल लगाने की योजना है। इससे स्टेशनों पर लिफ्ट, एलइडी, सिगनल लाइटिंग, पंखे आदि सब सोलर से ही चलेंगे। मेट्रो का फोकस है कि बिजली का बिल कम से कम आए। वहीं मेट्रो पहले ही संचालन के दौरान प्रतिदिन 36 से 38 फीसद बिजली मेट्रो के पहियों से जनरेट करता है।