वैकल्पिक गर्भगृह के लिए कम होगी पदयात्रा, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने की चर्चा
चंपत राय ने ट्रस्ट के स्थानीय सदस्य बिमलेंद्रमोहन मिश्र एवं अनिल मिश्र सहित जिलाधिकारी के साथ अधिग्रहीत परिसर का लिया जायजा। भविष्य की संभावनाओं पर की चर्चा।
अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियों के मद्देनजर रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। वैकल्पिक गर्भगृह पूर्व चर्चा के अनुरूप फाइबर का होगा या किसी अन्य धातु का इस बारे में अंतिम निर्णय तो नहीं हो सका है, पर यह तय है कि रामलला का वैकल्पिक गर्भगृह बांस-बल्ली पर टिके तंबू का नहीं होगा। अधिग्रहीत परिसर में यह गर्भगृह जिस स्थल पर स्थापित होगा, उस स्थल का चुनाव इस तथ्य को ध्यान में रख कर किया जाएगा कि यह स्थान निर्माण की गतिविधियों के संक्रमण से मुक्त रहे तथा सुरक्षा संबंधी मानकों को पूरा करने के साथ यात्रियों की सुविधा के अनुरूप हो। ताकि उन्हें मौजूदा गर्भगृह के मुकाबले कम पैदल सफर तय करना पड़े।
यह जानकारी श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव एवं विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने दी। वे राजसदन में मीडिया से मुखातिब थे। इससे पूर्व उन्होंने शनिवार को पूर्वाह्न तीर्थ क्षेत्र के स्थानीय ट्रस्टी एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र तथा डॉ. अनिल मिश्र सहित ट्रस्ट के पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के साथ अधिग्रहीत परिसर का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने रामलला का दर्शन करने के साथ मंदिर निर्माण शुरू करने की संभावनाएं भी परखीं।
राय ने बताया कि निरीक्षण के दौरान काम शुरू होगा, तो वाहन किधर से आएंगे। निर्माण के दौरान रामलला का वैकल्पिक गर्भगृह किस स्थान पर बनाया जाना उचित होगा। आज रामलला का दर्शन करने वाले भक्तों को जितना पैदल चलना पड़ता है, वैकल्पिक गर्भगृह में विराजे रामलला के दर्शन के लिए उतना पैदल न चलना पड़े आदि संभावनाओं और परिस्थितियों के बारे में विचार किया गया।
70 एकड़ पर्याप्त
चंपत राय ने मंदिर निर्माण के लिए 70 एकड़ के परिसर को पर्याप्त बताया। कहा, मंदिर तो एक एकड़ में बनेगा और कॉरीडोर दो एकड़ में।
स्वरूपानंद ने विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ा
राममंदिर निर्माण के लिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की ओर से सोना एकत्र किए जाने का सवाल सामने आने पर चंपत राय के तेवर तल्ख हो गए। उन्होंने कहा, स्वरूपानंद जी सोने का मंदिर बनवाएं या हीरे का पर सच्चाई यह है कि 35 वर्षों से उन्होंने राममंदिर के विरोध का कोई मौका नहीं छोड़ा।
एसबीआई में खुलेगा ट्रस्ट का खाता
चंपत राय ने स्पष्ट किया कि श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का खाता एसबीआई में खुलेगा। बैंक के अधिकारियों से इस बारे में चर्चा की जा रही है कि खाते का क्या स्वरूप हो, भविष्य में कोई तकनीकी अड़चन न आए। उन्होंने इस ओर गौर कराया कि मंदिर निर्माण के लिए लाखों स्थानों से धन आएगा, सारे लोगों से एक्यूरेट स्पेङ्क्षलग की अपेक्षा नहीं की जा सकती। ऐसे में समाज के लोगों को कम से कम कष्ट हो, ट्रस्ट के खाते का स्वरूप तय किए जाने में इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा।