मेरठ में देश की नंबर वन महिला टीम तैयार करने में जुटी आरएएफ बटालियन
देश की तमाम 15 बटालियन में सबसे अव्वल दर्जे की इन महिला खिलाडिय़ों का लक्ष्य अपनी बटालियन का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करना है।
मेरठ [पंकज तोमर]। स्पोर्टस जगत में दुनियाभर में पहचान कायम करने वाली क्रांतिधरा मेरठ एक और परचम फहराने को उतावली है। इसकी 'चिंगारी उठ रही है रैपिड एक्शन फोर्स की 108 बटालियन में। यहां की 10 महिला खिलाड़ी खुद को देश की नंबर वन खिलाड़ी साबित करने की जद्दोजहद में पसीना बहा रही हैं। देश की तमाम 15 बटालियन में सबसे अव्वल दर्जे की इन महिला खिलाडिय़ों का लक्ष्य अपनी बटालियन का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करना है। महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनने वाली इन खिलाडिय़ों के लिए आरएएफ ने भी पहली बार विशेष सुविधाएं मुहैया कराई हैं।
कई खेलों में उम्दा प्रदर्शन करने वाली महिला खिलाडिय़ों की प्रतिभा को और धार देने के लिए आरएएफ अथक प्रयास कर रहा है। 35 वर्ष से कम आयु की 10 महिला खिलाडिय़ों की यह टुकड़ी प्रतिदिन आठ से 10 घंटे हाड़तोड़ मेहनत कर रही है। मेरठ बटालियन का लक्ष्य देश की सभी आरएएफ बटालियन को पीछे छोडऩा है। हालांकि, इससे पहले भी कई बार खेल के क्षेत्र में मेरठ खासा नाम कमा चुका है। पिछले दिनों इलाहाबाद में हुए स्टेट गेम्स में भी मेरठ का दबदबा रहा था।
कई कोच बहा रहे पसीना
आरएएफ की पीआरओ सोनिया ने बताया कि इन खिलाडिय़ों को सबसे पहले सामूहिक एक्सरसाइज कराई जाती है। इसके बाद खिलाडिय़ों को उनके कोच अलग-अलग इवेंट की तैयारी कराते हैं। एथलेटिक्स की तैयारी कमांडेंट शैलेंद्र कुमार स्वयं कराते हैं। इनके अलावा कोच डीसीओ राकेश कैंप में और कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कोच भूपेंद्र यादव समेत सिविल के तीन कोच डिस्कस थ्रो, शॉटपुट, दौड़, भाला फेंक, रस्सा प्रेक्टिस, जूडो, वेट लिफ्टिंग आदि खेलों की तैयारी करा रहे हैं।
हमारा लक्ष्य देश की नंबर-1 टीम बनाने का है। उम्मीद है कि बहुत जल्द महिला खिलाड़ी इस मुकाम को हासिल भी कर लेंगी।
-शैलेंद्र कुमार, कमांडेंट-आरएएफ 108 बटालियन मेरठ