Coronavirus: फार्मा इंडस्ट्री ने दवा व्यापारियों को जारी किया अलर्ट, अब बढेंगी दवाओं की कीमतें
Coronavirus कोरोना वायरस की वजह से फार्मा इंडस्ट्री ने दवा व्यापारियों को जारी किया अलर्ट दवाओं के निर्यात पर पड़ा असर।
लखनऊ, जेएनएन। चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप कायम है। बीमारी का भय दुनिया भर में फैला गया है। कई वस्तुओं का आयात-निर्यात बेपटरी हो गया है। ऐसे में देश की फार्मा इंडस्ट्री पर भी संकट का बादल मंडराने लगा है। कई दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। वहीं अब, इनके संकट का खतरा भी मंडरा रहा है।
कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ऑफ यूपी के प्रवक्ता सुरेश कुमार के मुताबिक, फार्मा इंडस्ट्री ने अलर्ट जारी किया है। कोरोना वायरस की वजह से चीन से दवा निर्माण में आवश्यक रॉ मैटीरियल (कच्चा माल) नहीं आ पा रहा है। वहीं, यूरोप से रॉ मैटीरियल महंगा पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर जेनेरिक दवाओं पर पड़ रहा है। लिहाजा, जनवरी से अब तक कई दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। व्यापरियों को महंगी दरों पर दवा खरीदनी पड़ रही है। अधिकतर कंपनियों ने दवाओं पर छूट देना बंद कर दिया है। फार्मा इंडस्ट्री ने फरवरी के पहले सप्ताह में 33 दवाओं की 'अलार्मिंग सिचुएशनÓ लिस्ट जारी की। इसमें 20 जनवरी से 14 फरवरी तक दवा शुल्क में हुई वृद्धि का हवाला दिया गया।
जेनेरिक दवा में अचानक वृद्धि
फार्मा इंडस्ट्री द्वारा 20 जनवरी से 14 फरवरी तक दवा कीमतों में वृद्धि की गई। इसमें क्लोरोफेनिकॉल में 17 फीसद, टेट्रा साइक्लिन में 12, एजिथ्रोमाइसीन में 44, सेफ्ट्रॉक्सिन में 31,क्लेव एविकल में 36, जेंटामाइसिन में 15, डॉक्सीसाइक्लिन में 16 , नॉरफ्लॉक्सिन में 11, ओफ्लॉक्सिन में 13, क्लेव सिलॉएड में 38, सिप्रोफ्लैक्जासिन में 40, डेक्सामेथासोनमें 45, अमाइकासीन 21, पैरासीटामाल में 72 , सेफोटेक्साइम में 13, डाइक्लोफेनक सोडियम में28, मेफीनेमिक एसिड में 17, ब्रूफेन में14, रेनीटीडिन में 8, एमॉक्सी सिलीन में 48, क्लोबेटा सोल में 6, ऑरनीडजोल में 73, टिनीडेजोल 61, पेंटा पाउडर 33, ओमेप्रजोल पेलेट्स में 7, सेफेक्जमी ट्राइ हाइड्रेट में 20, पेंटा प्रोजोल स्टेरिली में 7, क्लोटरी मजोल में 24, ट्रामाडोल में 20, निमी सुलाइड में 167, ट्रिमेथो प्राइम में 7, सुल्फामेथाजोल में 4, क्लोजा सिलीन में 18 फीसद महंगी हुई हैं।
अस्पतालों पर भी पड़ेगा असर
जिन दवाओं की कीमतों में वृद्धि व संकट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। यह अधिकतर एंटीबायोटिक टैबलेट, इंजेक्शन, पेन किलर, इमरजेंसी ड्रग्स हैं। ऑपरेशन से लेकर शरीर में संक्रमण फैलने पर मरीजों को दी जाती हैं। वहीं बुखार व एसिडिटी जैसी सामान्य बीमारियों की भी दवा हैं। यह जेनेरिक दवाएं सरकारी अस्पतालों में भी आपूर्ति होती हैं। वहीं अधिकतर कंपनी दो माह तक का स्टॉक रखती हैं। ऐसे में स्थिति सामान्य न होने पर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
केजीएमयू में 55 यात्रियों का टेस्ट, पांच लखनऊ के
केजीएमयू को कोरोना वायरस जांच का सेंटर बनाया गया है। इसके माइक्रो बायोलॉजी विभाग में 55 सैंपल आए। इसमें पांच लखनऊ के यात्री थे। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।
इन देशों से लौटे यात्रियों की जांच एयर पोर्ट पर यात्रियों की जांच के लिए थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं। दो से ढाई हजार यात्री की स्कैनर से जांच की गई। वहीं चीन, जापान, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, ईरान व इटली से आने वाले यात्रियों में बुखार, खांसी, सांस लेने संबंधी समस्या होने पर जांच कराई गई।
यहां बेड आरक्षित
कोरोना वायरस के लिए पीजीआइ में 10 बेड, लोहिया संस्थान में पांच बेड, केजीएमयू को 10 बेड, सिविल अस्पताल में 33 बेड, बलरामपुर को आठ बेड, लोकबंधु को 10 बेड, आरक्षित किए गए हैं।
श्वसन तंत्र पर हमला करता है वायरस
पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक कोरोना वायरस मरीजों का रेस्परेटरी ट्रैक चपेट में ले रहा है। शुरुआत में जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत व बुखार जैसे लक्षण होते हैं। इसके बाद फेफड़ों में सीवियर निमोनिया हो जाता है। मरीज को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ जाती है। वायरस की चपेट में आए मरीजों की किडनी व सेप्टीसिया आदि की दिक्कतें भी हो रही हैं।
वायरस से बचाव के लिए रहें सतर्क
- विदेश की यात्रा से आए लोगों से हाथ न मिलाएं
- यात्रा से आने पर हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं
- भीड़भाड़ में नाक व मुंह को कवर करके रखे
- बीमार लोगों से कम से कम तीन फीट की दूरी रखें।
- मरीज को छुए नहीं, उनका रूमाल-तौलिया न इस्तेमाल करें
- नॉन वेज, सी-फूड खाने से बचें,