लोहिया संस्थान अब देगा अपनी डिग्री, MCI ने दी हरी झंडी Lucknow news
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने लोहिया संस्थान में किया दौरा। 2019 बैच के 200 एमबीबीएस छात्रों को संस्थान से मिलेगी डिग्री।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान अब अपनी डिग्री देगा। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने संस्थान को अनुमति प्रदान कर दी गई। ऐसे में यूजी, पीजी व सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की डिग्री के लिए अब केजीएमयू से निर्भरता खत्म होगी।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक 12 सितंबर 2018 को संस्थान को यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हो चुका है। मगर, अभी तक डिग्री देने का अधिकार नहीं मिल सका था। ऐसे में केजीएमयू से छात्रों की डिग्री जारी होती थी। लिहाजा, संस्थान ने खुद की डिग्री जारी करने के लिए एमसीआइ में आवेदन किया था। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने वर्ष 2019 में दाखिला लेने वाले छात्रों की डिग्री जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसमें एमबीबीएस-2019 बैच में दाखिला लेने वाले 200 एमबीबीएस के छात्रों को संस्थान डिग्री देगा। वहीं इससे पूर्व के पढ़ रहे छात्रों को केजीएमयू से ही डिग्री मिलेगी।
एमडी के 31 छात्रों को मिलेगी डिग्री
संस्थान में अभी पांच विभागों में एमडी की पढ़ाई हो रही है। इसमें रेडियोडायग्नोसिस में चार, एनेस्थीसिया में 12, पैथोलॉजी में पांच, माइक्रोबायोलॉजी में पांच व रेडिएशन आंकोलॉजी में पांच सीटें हैं।
डीएम-एमसीएच की मिलेगी डिग्री
संस्थान में सुपर स्पेशयलिटी कोर्स का भी संचालन हो रहा है। इसमें न्यूरोसर्जरी में दो एमसीएच, कार्डियोलॉजी में दो डीएम, न्यूरोलॉजी में दो डीएम, सीटीवीएस में एक एमसीएच, सर्जिकल अंकोलॉजी में एक एमसीएच की सीट है।
डॉक्टरों के चेहरे मिलाए, वार्ड-लैब का निरीक्षण
लोहिया अस्पताल का लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय हो गया है। वहीं सेवाओं को दुरुस्त करने का कार्य जारी है। इसी बची अचानक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम सोमवार सुबह नौ बजे आ धमकी तो हड़कंप मच गया। टीम ने हेड काउंटिंग के साथ फोटो से एक-एक डॉक्टर के चेहरों का मिलान कर कंफर्म किया। शाम सात बजे तक उन्होंने वार्ड और लैब का निरीक्षण कर मानकों को जांचा।
75 शिक्षकों की कमी पड़ेगी भारी
लोहिया संस्थान में संबद्ध किए गए 43 डॉक्टर नहीं जुड़ेंगे। ऐसे में एमसीआइ के मानक के अनुसार शिक्षकों की कमी रहेगी। यहां अभी रिक्त 75 शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। ऐसे में चौथे बैच की मान्यता में अड़ंगा बनेगा। वहीं निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने एमसीआइ के मानकों के अनुसार व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा किया।