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लखनऊ : पुलिस खुद को समय के साथ अपग्रेड करे तब ही रुकेंगे अपराध

सुरक्षा सिर्फ सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज का भी दायित्व है। आम जनता को इसके प्रति खुद भी सजग रहना होगा।

By Krishan KumarEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 11:36 AM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 11:36 AM (IST)

सुरक्षा सिर्फ सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज का भी दायित्व है। आम जनता को इसके प्रति खुद भी सजग रहना होगा। इसे चार प्रमुख भागों में बांटा जाए तो महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम व ट्रैफिक के अलावा हत्या, लूट, चोरी व डकैती जैसे अपराध आते हैं। इनमें साइबर अपराध सबसे ज्यादा आफत बन रहा है। पुलिस खुद को समय के साथ अपग्रेड करे, अपने व्यवहार में बदलाव लाए तो इन अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। 

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राजधानी की सुरक्षा के बारे में सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक एमसी द्विवेदी के कुछ यही विचार हैं। वह कुछ बाहरी देशों का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि वहां के लोग सुरक्षा को लेकर पुलिस पर निर्भर नहीं हैं। नियोजित कॉलोनियां हैं। खुद से लोग सीसीटीवी कैमरे, गार्ड व सुरक्षा से जुड़े अन्य इंतजाम रखते हैं। यही यहां के लोगों को भी करना होगा। इसके अलावा पुलिस की यूपी 100, 1090, 102 व अन्य शाखाओं को त्वरित रिस्पांस देने वाला बनाना होगा। यहां काम करने वाले पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनना होगा।

महिलाओं की सुरक्षा के क्रम में स्कूल, कॉलेज, मॉल व अन्य सार्वजनिक स्थानों के बाहर पुलिस अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर छेड़छाड़ की घटनाओं पर नकेल लगा सकती है। हालांकि दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकना चुनौती है। दुष्कर्म की घटनाएं समाज की सजगता व सक्रियता से ही रुक सकती हैं। लिंगानुपात में भी लगातार कमी दर्ज हो रही है, जो अपराध का कारण बनकर उभर रहा है।

मकान बनाने के लिए पार्किंग अनिवार्य करें

ट्रैफिक की समस्या आतंक बन रही है। राजधानी में हर रोज लोग गाडिय़ां खरीद रहे हैं। पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। सरकार को भविष्य में दो मंजिला मकान बनाने के लिए पार्किंग अनिवार्य कर देनी चाहिए। निजी गाडिय़ां महंगी हो जाएं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर करें। इसके उदाहरण विदेशों में देखे जा सकते हैं। निजी गाडिय़ों के लिए पेट्रोल महंगा हो तो इसपर लगाम लग सकती है। सरकारी तंत्र को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बेहतर सुधार का काम करना होगा। इससे लोगों को यात्रा में कठिनाई नहीं होगी और वह सुरक्षित मंजिल तक पहुंच सकेंगे।

पुलिस को बदलना होगा व्यवहार 
लोगों की सुरक्षा के प्रति पुलिस की जवाबदेही है। पुलिस का आधुनिकीकरण हो। पुलिसकर्मी अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं और लोगों से अच्छे से बर्ताव करें। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल की कमी को दूर किया जाए और इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो। पुलिसकर्मियों की समस्याओं को भी नजरअंदाज न किया जाए और उन्हें उचित सम्मान मिले।

दक्ष लोगों की हो भर्ती 
पूर्व डीजीपी का कहना है कि बढ़ते साइबर क्राइम को गंभीरता से लेना होगा। इसके लिए दक्ष लोगों की नियुक्ति की जाए जो साइबर एक्सपर्ट हों। आतंकी संगठन भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेषज्ञ ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। लोगों को साइबर अपराधियों से खुद सजग रहना होगा। समाज में जागरूकता फैलानी पड़ेगी। साइबर रिसर्च सेंटर खोलकर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो और अपराधियों की साजिश पर लगाम लगाया जाए।

इन बिंदुओं पर हो काम 
- सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। 
- पुलिस त्वरित रिस्पांस दे। 
- नियोजित कॉलोनियों का विस्तार हो। 
- लोग खुद सजग रहें और आसपास के माहौल पर नजर रखें। 
- यातायात में सुधार हो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जाए। 
 - पुलिस बल की संख्या में बढ़ोतरी हो। 
- साइबर क्राइम से निपटने के लिए रिसर्च सेंटर स्थापित हो। 
- सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस मुस्तैद रहे।

 - एमसी द्विवेदी (सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक)

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