मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेंगी एमबीबीएस की 910 सीटें, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दी सौगत
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने 423.75 करोड़ रुपये की 37 परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास। इन सीटों में इजाफा होने के बाद एमबीबीएस की 2900 हो जाएंगी सीटें।
लखनऊ, जेएनएन : सूबे के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 910 सीटें बढ़ाई जाएंगी। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल ने दी। वह केजीएमयू के कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को सूबे के 10 मेडिकल कॉलेजों व एक विश्वविद्यालय में 423.75 करोड़ रुपये की 37 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इसमें 35 परियोजनाओं का लोकार्पण और दो परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल ने बताया कि पांच नए मेडिकल कॉलेज जिसमें बस्ती, बहराइच, अयोध्या, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर शामिल हैं यह बनकर लगभग तैयार हैं। इनमें 700 सीटें बढ़ेंगी और इसके अलावा छह पुराने मेडिकल कॉलेजों जिसमें मेरठ, प्रयागराज, झांसी और गोरखपुर आदि शामिल हैं इसमें 210 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को भेजा गया है। अभी एमबीबीएस की 1990 सीटें हैं और यह 910 सीटें बढऩे पर कुल 2900 सीटें हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अभी तक 13 मेडिकल कॉलेज बनाए थे और योगी सरकार ने इतने कम समय में ही 13 और मेडिकल कॉलेज बनाने का काम किया है। इसमें पांच मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं और आठ मेडिकल कॉलेजों का निर्माण जल्द शुरू होगा। कार्यक्रम में विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू का नाम दुनिया भर में है। सरकार का पूरा फोकस चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, डीजी मेडिकल एजुकेशन डॉ. केके गुप्ता व केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट मौजूद रहे।
केजीएमयू में हृयूमन मिल्क बैंक व हेल्थ रडार की सुविधा शुरू
केजीएमयू में धात्र अमृत कलश यानी हृयूमन मिल्क बैंक का लोकार्पण किया गया। इसे 94 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें प्री मेच्योर बेबी जिन्हें मां का दूध नहीं मिल पाता उनके लिए इस मिल्क बैंक में मां का दूध उपलब्ध होगा। इससे हर साल 20 हजार शिशु लाभान्वित होंगे। इसी तरह हाईपर बैरिक आक्सीजन थेरेपी यूनिट इसमें मरीज का घाव भरने के लिए उसके शरीर में हवा का दबाव बढ़ाकर आक्सीजन की मात्रा बढ़ाई हाती है। इससे घाव जल्द भरते हैं। वहीं टेली मेडिसिन सेंटर हेल्थ रडार में सात जिलों के चिकित्सालयों व पंद्रह गांवों को जोड़ा गया है। जेई व एई प्रभावित पूर्वांचल के गांव में मरीजों को आसानी से इलाज मिलेगा। 15 विभागों में सौर ऊर्जा सयंत्र लगाए गए हैं।
तीन मेडिकल कॉलेजों में लिक्विड आक्सीजन प्लांट
गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई रोकने के कारण बच्चों की मौत को सरकार ने बड़ी गंभीरता से लिया। अब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, कानपुर मेडिकल कॉलेज और प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में लिक्विड आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया गया।
रिसेप्शन काउंटर व बदायूं में 300 बेड का अस्पताल
सूबे के 13 मेडिकल कॉलेजों में अब रिसेप्शन काउंटर बनेंगे। इसमें झांसी, गोरखपुर, आगरा मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। वहीं बदायूं में 300 बेड का अस्पताल बन गया है, यहां एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी।
राजकीय मेडिकल कॉलेज मेरठ में बनेगी बर्न यूनिट
राजकीय मेडिकल कॉलेज मेरठ में बर्न यूनिट और गोरखपुर मेडिकल कालेज में गेस्ट हाउस का शिलान्यास किया गया।
ओटी से लेकर हास्टल तक का तोहफा
जिन 37 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया उनमें बदायूं में टाइप थ्री के 32 आवास व प्राचार्य आवास, गोरखपुर में गल्र्स व ब्याज हास्टल और लाइब्रेरी, मच्र्युरी व रेजीडेंट हास्टल, ओटी व गेस्ट हाउस, झांसी में ओटी, बांदा में वार्ड ब्लाक, ओटी, जिम व इमरजेंसी ब्लाक, अंबेडकर नगर में गेस्ट हाउस, छात्रावास, लक्ष्मीपति सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में ओपीडी ब्लाक, मेरठ में जैव सुरक्षा प्रयोगशाला आदि शामिल हैं।