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मायावती ने कहा, गठबंधन सम्मानजनक सीट मिलने पर ही संभव

भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ देश में विपक्षी एकजुटता में नेतृत्व के सवाल को लेकर चल रही बहस के बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 04:11 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 12:37 PM (IST)
मायावती ने कहा, गठबंधन सम्मानजनक सीट मिलने पर ही संभव

लखनऊ (जेएनएन)। सम्मानजनक सीटें मिलने के बाद ही गठबंधन होना संभव बताते हुए बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस को अपने नेताओं को गलत बयानबाजी करने से रोकने की सीख दी।
मंगलवार को जारी बयान में मायावती ने मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर मीडिया में जारी चर्चाओं पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कांग्रेस से गठबंधन तब ही संभव होगा जब सम्मानजनक सीटें मिलेगी वरना बसपा मजबूती से सभी सीटों पर अकेले चुनाव लडऩे को तैयार है।

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इतना ही नहीं मायावती ने कांग्रेस नेतृत्व को चेताया कि बसपा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करने वाले नेताओं पर सख्ती से लगाम लगाए। उल्लेखनीय है कि मायावती कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ गलत बयानबाजी करने के आरोपी अपने दो वरिष्ठ नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर चुकी है।

मजबूत नहीं मजबूर सरकार की पैरोकारी : बसपा सुप्रीमो ने गठबंधन सरकारों को देश हित में जरूरी बताते हुए कहा कि इस बारे में स्व. कांशीराम की राजनीतिक 'ब्रह्मवाणी वर्तमान हालात में सटीक बैठती है। मायावती ने बताया कि कांशीराम का कहना था कि केंद्र में गठबंधन सरकार रहेगी तो उस पर व्यापक जनहित, देश हित व जनकल्याण में लगातार काम करते रहने की तलवार लटकी रहती है। अपने देश में मजबूत नहीं मजबूर सरकार की जरूरत है। ताकि वह निरंकुश और तानाशाही व्यवहार नहीं कर सके जैसा कि भाजपा के वर्तमान शासनकाल में देखने को मिल रहा है।

लोकतंत्र अब भीड़तंत्र में बदला : बसपा मुखिया ने राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर भाजपा सरकारों को घेरा। मायावती ने इस प्रकार के मामलों में न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि देश में भीड़ को निर्दोषों की हत्या करने की छूट देने से लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदल देने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा की सरकारों को इतिहास में उनके काले कारनामों के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एंड कंपनी का चाल, चलन और चेहरा, हमेशा से ही आमजन विरोधी व भाईचारा बिगाडऩे वाला रहा है।

इसी कारण ही भाजपा को आजादी के बाद अधिकांश चुनावों में पूर्ण जनसमर्थन नहीं मिल पाया। गत लोकसभा चुनाव में भी मात्र 31 प्रतिशत वोट ही मिल सका था। इस विचित्र देश के लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कम वोट पाने के बाद भी भाजपा ने पूर्ण बहुमत पा लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को मालूम है कि अब दोबारा केंद्र की सत्ता में आने वाले नहीं है।


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