भाजपा व पीएम नरेंद्र मोदी की मानसिकता दलित विरोधी : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी होने का आरोप जड़ा है। उनका मानना है कि भाजपा ने कोर्ट में इस केस को गंभीरता से नहीं लिया।
लखनऊ (जेएनएन)। देश की शीर्ष कोर्ट के एससी/एसटी एक्ट पर फैसले पर भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी होने का आरोप जड़ा है। उनका मानना है कि भाजपा ने कोर्ट में इस केस को गंभीरता से नहीं लिया।
मायावती ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में इस एक्ट की आड़ में दलितों का उत्पीडऩ जारी है। अभी जबकि एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) कानून में भारी ढील व उसमें रियायत दिये जाने का मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा के लिए लम्बित है, फिर भी भाजपा शासित राज्यों में इस कानून को करीब-करीब निष्प्रभावी बनाने सम्बन्धी आदेश निर्गत करना दलित समाज के प्रति इनकी सरकारी निरंकुशता व क्रूरता को दर्शाता है। इनका ऐसा व्यवहार अति-निन्दनीय है।
उन्होंने कहा कि साथ ही यह साबित करता है कि दलित-विरोधी मानसिकता व उपायों के मामले में भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का चाल, चरित्र व चेहरा कितना ज्यादा पाखण्डी व दोहरे मापदण्डों वाला है। इस विश्वासघाती सरकार पर खासकर अब कोई कैसे भरोसा कर सकता हैं। प्रधानमंत्री मोदी सरकार एस.सी.-एस.टी. कानून, 1989 को उसके असली रूप में बहाल करने के लिये तत्काल अध्यादेश लाकर उसको देश में हर जगह लागू करे। जिससे कि अब उनके शासित राज्यों की जातिवादी व सामंती मानसिकता वाली सरकारें अपनी मनमानी नहीं कर सकें और दलितों के उत्पीडऩों पर प्रभावी कार्रवाई हो सके।
मायावती ने कहा कि हैदराबाद की मक्का मस्जिद में 2007 में बम विस्फोट के अति-गम्भीर मामले में भी सभी मुख्य दोषियों के बरी करने के मामले के बाद अब यह साफ तौर पर लगता है कि बीजेपी की केंद्र की सरकार देश में कानून का राज बिल्कुल भी नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को राजनीतिक स्वार्थ के तहत इस्तेमाल करने की गलत नीति अपनाई है। इसकी मदद से वह देश में अब जंगलराज को बढ़ावा देने लगी है। भाजपा एंड कंपनी के लोग यह मानकर चलने लगे हैं कि देश का कानून उन लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यह घातक प्रवृत्ति है।
भाजपा इसी क्रम में अपने नेताओं पर से सैकड़ों संगीन मामले वापस ले रही है। यह अपने को देश में कानून से ऊपर मानने लगे हैं। उनको लगता है कि उनका हर अपराध कानून की पकड़ से बाहर है। कानून के साथ ऐसा खिलवाड़ देश के इतिहास का ऐसा काला अध्याय लिख रही है जिसे कभी भी मिटाया नहीं जा सकेगा और इससे पहले की बहुत देर हो, देश की जनता को व्यापक देश हित के मद्देनजर इसके उपायों के बारे में अवश्य ही गंभीरतापूर्वक चिन्तन करना चाहिए।