वाराणसी में डॉक्टरों के इस्तीफे पर मायावती ने कहा- स्वास्थ्य कर्मियों से बिना भेदभाव सेवा ले सरकार
वाराणसी में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे पर सियासत शुरू हो गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने मांग की है कि सरकार को व्यावहारिक नीति बनानी चाहिए और समुचित संसाधन देना चाहिए।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे पर सियासत शुरू हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि यूपी में समुचित सुविधा के अभाव में जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस से संक्रमित पीड़ितों की सेवा में लगे डॉक्टरों पर सरकारी दबाव और धमकी से स्थिति बिगड़ रही है, जिस कारण ही वाराणसी में 32 स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों ने इस्तीफा दे दिया। बसपा प्रमुख ने मांग की है कि सरकार को व्यावहारिक नीति बनानी चाहिए और समुचित संसाधन देना चाहिए।
बसपा प्रमुख ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना केंद्रों और निजी अस्पतालों में कोरोना आपदा में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति काफी खराब है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या का प्रयास करने तक को मजबूर होना पड़ रहा है, जो अति दुखद है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यावहारिक नीति बनाकर और समुचित संसाधन देकर सही से उस पर अमल करे। समुचित सुविधा के अभाव में जान जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे डॉक्टरों पर सरकारी दबाव और धमकी से स्थिति बिगड़ रही है। सरकार बिना भेदभाव और पूरी सुविधा देकर स्वास्थ्यकर्मियों से सेवा ले तो बेहतर होगा।
2. साथ ही, कोरोना केन्द्रों व निजी अस्पतालों में भी कोरोना स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति काफी खराब है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या का प्रयास करने तक को मजबूर होना पड रहा है, जो अति-दुःखद। सरकार व्यावहारिक नीति बनाकर व समुचित संसाधन देकर सही से उसपर अमल करे, बीएसपी की यह मांग है। 2/2— Mayawati (@Mayawati) August 13, 2020
वाराणसी के 32 स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों का इस्तीफा : बता दें कि डिप्टी कलेक्टर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए बुधवार को वाराणसी जिले के 32 स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि देर शाम जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की कोशिश के बाद प्रभारियों ने इस्तीफा वापस लेने का दावा किया गया। डीएम की पहल पर देर शाम पीएमएचएस एसोसिएशन पदाधिकारियों संग सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बातचीत की और समस्याएं जानीं। इसके बाद जिलाधिकारी की ओर से निर्देश जारी किए गए, जिस पर प्रभारी चिकित्साधिकारी सहमत हुए और प्रकरण का अंत हुआ। नए निर्देश के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी सीएमओ एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ ही समन्वय बनाकर काम करेंगे।
यूपी में अब कानून-व्यवस्था दम तोड़ रही : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी यूपी सरकार को घेरा। उन्होंने अलीगढ़ के गौंडा थाने में भाजपा विधायक और थानाध्यक्ष के बीच एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप को अति गंभीर व चिंताजनक बताया। मायावती ने कहा कि इस प्रकरण की न्यायोचित जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मायावती ने कहा कि यूपी में इस प्रकार की लगातार हो रही जंगलराज जैसी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि खासकर अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था के मामले में सपा व बीजेपी की सरकार में भला फिर क्या अंतर रह गया है।