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अब बैंक में मास्क्ड आधार से होगा लेनदेन, इसमें होगा जरूरी lucknow news

मास्क्ड आधार में अंतिम चार अंक ही होते हैं प्रदर्शित। सुरक्षा व ग्राहक का डाटा सार्वजनिक न हो इसके लिए नई केवाईसी नीति।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:01 PM (IST)
अब बैंक में मास्क्ड आधार से होगा लेनदेन, इसमें होगा जरूरी lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। अब बैंक, बीमा और किसी प्रकार के आइडी प्रूफ के तौर पर बैंक व सरकारी संस्थान में नेट से डाउनलोड आधार कार्ड को लेकर आपत्ति नहीं कर सकते। सुरक्षा व ग्राहक का डाटा (जिसकी जरूरत नहीं) सार्वजनिक न हो, इसके लिए नई केवाईसी नीति पर सभी एजेंसियां काम करेंगी। इसके चलते अब आधार कार्ड केवल स्वैच्छिक आधार पर ग्राहक से लिया जाएगा। अब आप बैंक, होम लोन, बीमा और अन्य लेन देन में माक्स्ड आधार कार्ड इस्तेमाल कर सकते है। आरबीआइ की गाइड लाइन के अनुसार आधार कार्ड यदि कोई ग्राहक स्वेच्छा से जमा करना चाहता है तो उससे एक घोषणा एक निश्चित प्रारूप में लिया जाए। ग्राहक किसी योजना के तहत कोई लाभ या सब्सिडी पाने के इच्छुक हैं तो आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। इसलिए 50 लाख या उससे कम के बराबर ऋण राशि के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों से आधार कार्ड लिया जाएगा।  

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बीमा क्लेम में अब मास्क्ड आधार जरूरी

बीमा का क्लेम पाने के लिए अब मास्क्ड आधार जरूरी हो गया। यदि किसी ग्राहक के पास नहीं है तो वह अपने आधार के शुरू के आठ अंक ब्लैक करके अपनी लेनदेन की प्रक्रिया पूरी करेगा। 

मास्क्ड ई-आधार कैसे डाउनलोड करें 

सबसे पहले uidai.gov.in पर जाएं। इसके बाद आधार इनरोलमेंट सेक्शन में डाउनलोड आधार पर क्लिक करें। यहां आप सबसे पहले आधार कार्ड, वर्चुअल आधार कार्ड या इनरोलमेंट के बारे में पूछेंगे। आइडी चुने, जिसके जरिए आप ई-आधार डाउनलोड करना चाहते हैं। इसके बाद सामान्य आधार और मास्क्ड आधार का ऑप्शन दिखेगा, जहां से मास्क्ड आधार को चुनें। इसके बाद अपना नाम, पिन कोड, सिक्योरिटी कोड डालें और ओटीपी के लिए रिक्वेस्ट करें। ओटीपी दर्ज कर मास्क्ड आधार कार्ड डाउनलोड करें। मास्क्ड आधार वाले आधार कार्ड में 12 अंकों की पहचान संख्या में शुरुआत के 8 अंक छिप जाएंगे और अंत के सिर्फ 4 अंक दिखाई देंगे। हालांकि आपकी तस्वीर और क्यूआर कोड सहित अन्य जानकारी दिखती रहेगी। 

जरूरत की ही आपकी जानकारी होगी सार्वजनिक 

यूआइडीएआइ के एक अधिकारी के मुताबिक यह सीमित केवाईसी होगी। इससे संबंधित एजेंसियां भी अतिरिक्त आधार डिटेल को एक्सेस नहीं कर पाएंगी। इससे बैंक, बीमा व अन्य एजेंसियां सिर्फ वर्चुअल आइडी के आधार पर अपना काम करेंगी। वर्चुअल आइडी के माध्यम से अब कोई भी (एजेंसी) आपके आधार नंबर तक तो नहीं पहुंच पाएंगे।


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