अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपी गई मस्जिद की जमीन, बैठक में तय होगी आगे की रणनीति
मस्जिद के लिए यह जमीन सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में उपलब्ध कराई गई है। यह जमीन कृषि विभाग के प्रक्षेत्र की थी।
अयोध्या, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट से मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दिए जाने के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने जमीन का मालिकाना हक सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंप दिया। सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल ने जमीन के कागजात जिलाधिकारी से प्राप्त कर लिए। इस अवसर पर नवगठित फाउंडेशन के अध्यक्ष जुफर फारुखी और वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैय्यद मो. शोएब मौजूद थे। मस्जिद के लिए यह जमीन सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में उपलब्ध कराई गई है। यह जमीन कृषि विभाग के प्रक्षेत्र की थी। हालांकि मौजूदा समय इस पर धान की फसल लहलहा रही है।
मस्जिद के लिए दी गई जमीन अयोध्या से लगभग 25 किलोमीटर के फासले पर गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग के करीब है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बीती 29 जुलाई को ही मस्जिद निर्माण के लिए नौ सदस्यीय ट्रस्ट की घोषणा की है। ट्रस्ट में अभी छह और सदस्य शामिल किए जाने हैं। बोर्ड के सीईओ शोएब ने बताया कि जल्द ही ट्रस्ट की बैठक बुलाकर आगे की योजना तय की जाएगी।
गौरतबल है कि अयोध्या में मंदिर और मस्जिद का कोई विवाद न रहे इसी कारण मस्जिद की जमीन के लिए जो स्थल आवंटित किया गया है, उसके आसपास करीब 20 पुरानी मस्जिदें स्थित है। कृषि विभाग के जिस फार्म से 5 एकड़ की भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी जानी है, उस फर्म के परिसर में ही ईदगाह स्थापित है। बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इच्छा जाहिर की थी कि अयोध्या जिले के जिस क्षेत्र में सरकार ने मस्जिद के लिए जमीन आवंटित की है, वहां आसपास कई मस्जिदें हैं। उस क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है। ऐसे में वहां स्कूल और अस्पताल जैसी चीजों को स्थापित किया जाना है।