बाजार में धनवर्षा, 1280 करोड़ का कारोबार
जेएनएन लखनऊ। कोरोना काल में चल रहा मंदी का दौर आखिरकार धनतेरस पर्व पर टूटता नजर आय
जेएनएन, लखनऊ। कोरोना काल में चल रहा मंदी का दौर आखिरकार धनतेरस पर्व पर टूटता नजर आया। गुरुवार को बाजारों में धनवर्षा हुई। करीब 1270 करोड़ का कारोबार हुआ। दोपहर बाद शुरू हुआ भीड़ के उमड़ने का सिलसिला रात तक बना रहा। सराफा, बर्तन, वाहन, इलेक्ट्रानिक, सजावटी इलेक्ट्रिक झालर समेत सभी बाजारों में भारी भीड़ रही।
चौक के सराफा बाजार में 17 लाख 37 हजार का हीराजड़ित हार बिका तो, मर्सिडीज की 73 लाख की सबसे महंगी कार सड़क पर आई। सबसे बड़ा कारोबार ऑटोमोबाइल सेक्टर का ही रहा। वाहन बिक्री में 500 करोड़ का आकड़ा पार हो गया। सभी सेगमेंट में करीब 1,280 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। चूंकि शुक्रवार को भी खरीदारी का मुहूर्त है, लिहाजा इस दिन भी कारोबार को और गति मिलने के आसार हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर रहा टॉप पर पिछले सालों के मुकाबले इस बार भी ऑटोमोबाइल सेक्टर एक नंबर पर रहा। धनतेरस पर शहर के वाहन बाजार पूरी ग्राहकों से गुलजार रहे। छह लग्जरी मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, जैगुवार सरीखी करीब आधा दर्जन लग्जरी गाड़िया शोरूम से निकलीं। वाहन बाजार की बिक्री का आकड़ा तकरीबन 500 करोड़ रुपये पार हो गया। शोरूम से निकलती गाड़ियों का आरटीओ में रजिस्ट्रेशन देर शाम तक जारी रहा। गुरुवार शाम पाच बजे तक डेढ़ हजार से अधिक वाहनों का पंजीयन किया गया। धनतेरस पर करीब 3,200 दोपहिया वाहन और 1,050 चार पहिया वाहनों की बुकिंग के बाद डिलीवरी की गई। धनतेरस पर गुरुवार को पहले दिन डेढ़ हजार के करीब नए वाहन पंजीकृत किए गए। आरटीओ (प्रशासन) रामफेर द्विवेदी बताते हैं, कोरोना काल में उम्मीद से बेहतर वाहनों का कारोबार हुआ है। मर्सिडीज की 73 लाख की बिकी महंगी कार आरटीओ के मुताबिक मर्सिडीज मॉडल की तीन कारें 73 लाख, 65 लाख व 58 लाख की कारें बिकीं। वहीं जगुआर की 71 लाख और बीएमडब्ल्यू की 61 लाख रुपये की कार सड़क पर आई। 150 करोड़ का रहा सराफा बाजार सराफा बाजार करीब डेढ़ सौ करोड़ का रहा। इनमें ब्राडेड करीब 100 करोड़ का और अनब्राडेड 50 करोड़ का रहा। शहर के सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों में रात तक बिक्री का सिलसिला बना रहा। इस दौरान 100 किलो सोना और करीब 500 किलो चादी की बिक्री होने के अनुमान हैं। हीरे के बने गहनों की डिमाड अधिक रही। इसमें दस लाख रुपये से अधिक कीमत के कई हार बिके। लखनऊ सराफा के संगठन मंत्री आदिश जैन ने बताया कि चौक बाजार में 17 लाख 37 हजार रुपये का हीराजड़ित हार बिका। इसमें 28 कैरेट के हीरे जडे़ हुए थे। वहीं ब्राडेड शोरूम में भी जमकर कारोबार हुआ। मोबाइल बाजार में बूम मेक इन इंडिया की डिमाड खूब रही। करीब तीस करोड़ का कारोबार रहा। कारोबारी जतिन जौहर बताते हैं कि कोरोना काल के बाद अब बाजारों में रौनक है। इसने ऑनलाइन बाजार को पीछे छोड़ा दिया गया है। तकरीबन सभी कंपनिया पाच से दस फीसद तक कैशबैक का आफर दे रही हैं। एसेसरीज मुफ्त देने और कवर ग्लास भी मोबाइल विक्रेता उपलब्ध करा रहे हैं। ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन एमरा के प्रदेश अध्यक्ष नीरज जौहर बताते हैं कि चीन का बाजार इस बार दीपावली में कम हुआ है। देसी झालरों से रोशन बाजार इस बार देसी झालर ने करीब साठ फीसद बाजार पर कब्जा किया। झालर ही नहीं, सजावटी आइटम भी बाजार में देसी ही नजर आए। कारोबारी राजदीप सिंह ने बताया कि शुक्रवार तक कारोबार चढ़ेगा। देशी डिजाइनर झालरों ने धूम मचाई है। पर्व पर करीब तीस करोड़ का कारोबार हुआ। नाका हिंडोला के अध्यक्ष एवं महामंत्री लखनऊ व्यापार मंडल पवन मनोचा ने बताया कि धनतेरस पर बाजार बेहतर रहा है। राजेश सडाना बताते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में सबसे ज्यादा वॉशिग मशीनों की बिक्री हुई। करीब तीन सौ करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है। इनमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों शामिल हैं। कपड़ा बाजार पर सहालग का भी असर पहले से ही रौनक बरकरार रखने वाले कपड़ा बाजार में गुरुवार को हुजूम नजर आया। अशोक मोतियानी का कहना है कि पिछले साल के आकड़ों को इस बार की बिक्री छू रही है। सहालग के कारण भी बाजार बेहतर है। साड़ी व्यवसायी उत्तम कपूर के मुताबिक सिल्क, डिजायनर साड़ी और लहंगा के खरीदार रहे। प्रभु जालान बताते हैं कि करीब 30 करोड़ का कारोबार हुआ है। इनमें ऊनी कपड़े भी शामिल हैं। ताबे के बर्तन खूब रास आए धनतेरस पर बर्तन बाजार रात तक खुले रहे। यहियागंज, अमीनाबाद, गोमतीनगर, कपूरथला, महानगर, तेलीबाग, आशियाना, आलमबाग आदि प्रमुख बाजारों में जबरदस्त भीड़ रही। लोगों ने ताबे की बोतल, गिलास और विभिन्न बर्तनों के सेट खरीदे। इनमें ताबे के बने थर्मस की डिमाड रही। बर्तन बाजार के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल के मुताबिक करीब 20 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। 50,000 रुपये किलो बिकी एग्जॉटिका मिठाई मिठाई की दुकानों पर भी देर रात ग्राहकों का ताता लगा रहा। सदर के छप्पन भोग स्थित मिष्ठान भंडार में सबसे महंगा आइटम एग्जॉटिका की बिक्री की। इसकी कीमत 50,000 रुपये किलो है। प्रतिष्ठान के मालिक रवींद्र गुप्ता ने बताया कि केसर, चिलगोजा, ब्लू बेरी समेत विदेश के सबसे महंगे मेवे से इसे तैयार किया जाता है। सोने के वर्क में इसे सिंगल पीस में पैक किया जाता है। कह सकते हैं यह मिष्ठान कम सेहत का खजाना ज्यादा होता है। शहर के प्रमुख प्रतिष्ठानों से दीपावली तक करीब 40 करोड़ का मिष्ठान का कारोबार होता है। इस बार बेकरी में भी ग्राहक दिखे।