UP News: लखनऊ में तैयार हो रही थी आतंक की नर्सरी, कई शिक्षण संस्थान भी खुफिया विभाग के रडार पर
Terrorist in UP एनआइए और खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी उत्तर प्रदेश में एसडीएफआइ से जुड़े लोगों ने मदरसों और शिक्षण संस्थाओं में मदद के नाम पर नेटवर्क फैला रखा है। कोरोना काल में जरूरतमंदों को फंसाकर उनका मतांतरण भी कराया गया है।
लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। दिल्ली में एनआइए और खुफिया एजेंसियों की सक्रियता के बाद बीते कुछ वर्षों से संदिग्ध आतंकी संगठन अवध क्षेत्र और सीमांचल बिहार में जड़ें जमाने लगे हैं। एनआइए और खुफिया विभाग ताबड़तोड़ कार्रवाई कर बेशक कमर तोड़ने में लगे हैं, लेकिन आतंकियों की जड़ें बेहद गहरी हैं इसलिए पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में समय लग सकता है।
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मामले में गिरफ्तार एसडीएफआइ (सोशल डेमोक्रेटिक आफ इंडिया) के नेता मो. अहमद बेग और पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष मो. वसीम यहां अपने नापाक मंसूबों को सफल बनाने के लिए धर्म के नाम पर युवाओं को टारगेट कर शिक्षण संस्थानों में आतंक की नर्सरी तैयार कर रहे थे। खुफिया विभाग को इनपुट मिले हैं कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को फंसाकर उनका मतांतरण कराया।
सिमी पर प्रतिबंध के बाद फैलाया नेटवर्क
सिमी पर प्रतिबंध के बाद पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया), एनडीएफ (नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट), मनिथा नीति पासराई, कर्नाटक फोरम फार डिग्निटी, एसडीएफआइ से जुड़े लोगों ने मदरसों और शिक्षण संस्थाओं में मदद के नाम पर अवध से पूर्वांचल और पश्चिमी उप्र तक नेटवर्क फैला रखा है। संगठन के लोग नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भी संपर्क में हैं।
कई शिक्षण संस्थान निशाने पर
संदिग्ध संगठन के लोग शिक्षण संस्थानों में धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाने लगे। खुफिया एजेंसियों को शहर के कई शिक्षण संस्थानों में इनके नेटवर्क की जानकारी मिली है। जुलाई 2021 में काकोरी से गिरफ्तार अलकायदा से जुड़े आतंकी मिनहाज की एटीएस ने गिरफ्तारी की तो खुलासा हुआ कि आतंकी इंटीग्रल विश्वविद्यालय में काम करता था। मिनहाज इंटीग्रल विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन था। इसकी आड़ में छात्र-छात्राओं को धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा था।
यह भी पता चला है कि रहमान खेड़ा की हल-हरम एकेडमी का उपाध्यक्ष उमर गौतम भी मतांतरण कराने में लगा हुआ था। इसी मामले में एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया था। वहीं, एसडीएफआइ के नेता मो. अहमद बेग की गिरफ्तारी के बाद खुफिया विभाग की एक टीम ने नदवा में जाकर प्रबंधन से संपर्क किया। अहमद बेग नदवा में ही पढ़ता था।
11 हुए थे गिरफ्तार, अधिकतर छूट गए
वर्ष 2019 में सीएए और एनआरसी में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने इन संगठनों से जुड़े नफीस, शकीलुर्रहमान, नदीम, वसीम, शावेज, अशफाक, शाबी खां, नासिर अरशद, मो. ताहिर और तुफैल करीब एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया मगर पुलिस की लचर पैरवी के चलते अधिकतर जेल से छूट गए।