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Lakhimpur Kheri Violence: डिप्टी सीएम की अगवानी में क्या था असलहों का काम, अब उठ रहे कई सवाल

मंत्री के बेटे आशीष मिश्र के बयानों को अगर सही माना जाए कि उसके कुछ कार्यकर्ता डिप्टी सीएम की अगवानी को जा रहे थे जहां रास्ते में उन पर हमला हुआ तो उस काफिले में लाइसेंसी असलहों का जखीरा क्या कर रहा था?

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 08:09 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:07 AM (IST)
Lakhimpur Kheri Violence: डिप्टी सीएम की अगवानी में क्या था असलहों का काम, अब उठ रहे कई सवाल
अंकित दास के गुर्गाें से बरामद हुए लाइसेंसी असलहों के जखीरे पर उठे सवाल।

लखीमपुर, जागरण संवाददाता। लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र के बयानों को अगर सही माना जाए कि उसके कुछ कार्यकर्ता डिप्टी सीएम की अगवानी को जा रहे थे जहां रास्ते में उन पर हमला हुआ तो उस काफिले में लाइसेंसी असलहों का जखीरा क्या कर रहा था? अब ये सवाल भी सर उठाने लगा है। तो क्या ये आरोप भी सही है कि आरोपित बताए जा रहे लखनऊ के कांंट्रेक्टर अंकित दास व उसके गुर्गे जान बचाकर फायरिंग करते हुए मौका ए वारदात से भागे थे? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं जिनके जवाब अब एसआइटी को परेशान ही नहीं कर रहे बल्कि वह पूरी जिम्मेदारी से इनके जवाब भी तलाश रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंकित दास के गुर्गों से एसआइटी ने एक रिपीटर गन, दो रिवाल्वर के अलावा 315 बोर के तीन मिस कारतूस भी बरामद भी किए हैं। साथ ही आशीष मिश्र की रायफल को भी कब्जे में लिया है।

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अब जब किसानों की मौत के मामले में संलिप्त बताए जा रहे लगभग सभी आरोपित एसआइटी की गिरफ्त में हैं तो विवेचना के दौरान उभर रहे कई अहम सवालों के जवाब भी तलाशे जाने लगे हैं। जैसा कि मुख्य आरोपित आशीष ने एसआइटी को बताया था कि उनके उस काफिले पर हमला हुआ था जो डिप्टी सीएम की अगवानी को बनवीरपुर से निकला था। वह लोग शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे। तो शांति के ये दूत अपनी लग्जरी गाड़ियों में रिपीटर गन, रिवाल्वर जैसे खतरनाक लाइसेंसी असलहे क्यों सजाए थे? जब काफिले में शामिल गाड़ियों पर भीड़ ने हमला बोला तो ये सारे लोग कैसे बच निकले? साफ है कि अपनी जान बचाने के लिए उन असलहों का इस्तेमाल किया गया होगा। फिलहाल एसआइटी सबकुछ दूध का दूध और पानी का पानी करने में जुटी है।

बैलेस्टिक रिपोर्ट से साफ होगी तस्वीर : क्या आशीष की लाइसेंसी रायफल से गोलियां चलीं थीं? नहीं तो कारतूस थार जीप में क्यों बरामद हुए? क्या अंकित दास के गुर्गों ने मौके पर गोलियां चलाई थीं? नहीं तो वह बच कैसे पाए? ऐसे एक दो नहीं अनगिनत सवाल हैं जिनका जवाब अब जल्दी ही आने वाली वो बैलेस्टिक रिपोर्ट देगी। एसआइटी ने अब सभी असलहों को परीक्षण के लिए लैब भेजा है जिसकी रिपोर्ट जल्दी ही आने वाली है। ये रिपोर्ट बताएगी कि आरोपितों के पास से बरामद लाइसेंसी असलहों का माैके पर कितना इस्तेमाल किया गया या नहीं किया गया।

अब तक इन आरोपितों की गिरफ्तारी : सबसे पहले खीरी कांड में निघासन के तारागनर के रहने वाले लवकुश राणा, बनवीरपुर निवासी आशीष पांडे को दबोचा। इसके बाद मुख्य आरोपित आशीष मिश्र, फिर शेखर भारती, अंकित दास व लतीफ उर्फ काले और अब एक दिन पहले सभासद सुमित जायसवाल मोदी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम, नंदन सिंह और शिशुपाल को दबोचा जा चुका है। जिनसे पूछताछ जारी है।


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