KGMU : किडनी में कैंसर से कई अंगों को खतरा
केजीएमयू में यूरो आंकोकॉन कार्यशाला आज से। देश-विदेश के तीन सौ से अधिक चिकित्सक लेंगे भाग।
लखनऊ, जेएनएन। किडनी कैंसर का समयगत इलाज जरूरी है। सर्जरी और टारगेटेड थेरेपी ही इसका विकल्प है। वहीं देरी करने पर बीमारी फैल जाती है। कारण, रक्त के जरिये कैंसर सेल्स ब्रेन, लिवर, हड्डी, फेफड़े में पहुंच जाते हैं। ऐसे में स्थिति भयावह हो जाती है। यह व्यक्ति के लिए जानलेवा बन जाती है।
केजीएमयू में शनिवार से दो दिवसीय यूरो आंकोकॉन कार्यशाला होगी। पूर्व संध्या पर सीएमएस और आयोजक डॉ. एसएन शंखवार ने बीमारी के खतरों से आगाह किया। उन्होंने कहा कि किडनी कैंसर का इलाज आसान है। अब ऑपरेशन में पूरी किडनी नहीं निकाली जाती है।
स्मोकिंग सबसे बड़ा दुश्मन
केजीएमयू के डॉ. एचएस पहवा ने कहा कि स्मोकिंग किडनी कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि बीड़ी, सिगरेट में कैंसर के लिए जिम्मेदार 400 से ज्यादा हानिकारक तत्व होते हैं। यह खून के माध्यम से किडनी तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में यह कैंसर का बढ़ावा देते हैं।
पेशाब में खून आने पर रहें सतर्क
डॉ. एचएस पहवा ने कहा कि किडनी कैंसर काफी दिनों तक छुपा रहता है। इसके लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं। पेशाब से खून आना, पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन और दर्द होने पर व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए।
24 के करीब होंगे व्याख्यान
डॉ. एसएन शंखवार के मुताबिक, यूरो आंकोकॉन का आयोजन कन्वेंशन सेंटर में होगा। इसमें देश-विदेश से 300 से ज्यादा विशेषज्ञ शिरकत करेंगे। वहीं करीब 24 व्याख्यान होंगे।