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UP Panchayat Chunav Result 2021: अध्यक्षी व ब्लाक प्रमुख पदों को कब्जाने की जोड़तोड़ तेज, निर्दलों की भूमिका अहम

UP Panchayat Chunav Result 2021 उत्तर प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्ष तथा 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव हुआ है। कुल निर्वाचित 3050 जिला पंचायत सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी लगभग बराबरी की संख्या पर दिख रहे है परंतु निर्दल सदस्यों की संख्या अधिक है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:45 AM (IST)
UP Panchayat Chunav Result 2021: अध्यक्षी व ब्लाक प्रमुख पदों को कब्जाने की जोड़तोड़ तेज, निर्दलों की भूमिका अहम
उत्तर प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्ष तथा 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव हुआ है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे आते ही अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों को कब्जाने की जोड़तोड़ तेज हो गई है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का एकतरफा पलड़ा भारी नहीं होने और समाजवादी पार्टी से कड़ी चुनौती मिलने से मुकाबला फंसेगा। ऐसे में सबसे अधिक संख्या में जीते निर्दलों की भूमिका अहम होगी।

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उत्तर प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्ष तथा 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव हुआ है। कुल निर्वाचित 3050 जिला पंचायत सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी लगभग बराबरी की संख्या पर दिख रहे है परंतु निर्दल सदस्यों की संख्या अधिक है। बहुजन समाज पार्टी भी पंचायत चुनाव में तीसरी ताकत बनने में सफल रही है।

सपा नेतृत्व दावा कर रहा है कि तीन दर्जन से अधिक जिला पंचायतों में सपा का पलड़ा भारी है। इसी तरह ब्लाकों में भी समाजवादी दबदबा बना है। दूसरी भाजपा नेतृत्व ने समाजवादी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव में पता चलेगा कि कौन किस पर भारी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि जनता ने भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। जनता ने एक बार फिर परिवारवाद व भ्रष्टाचार की राजनीति को नकारते हुए शुचिता व सुशासन को प्राथमिकता दी है। अब भाजपा अधिकतर जिलों में जिला व क्षेत्र पंचायतों में बोर्डों के गठन में जुटी है।

निर्दलों पर नजर, बागियों पर नरमी : भारतीय जनता पार्टी ही नहीं समाजवादी पार्टी में भी विजयी बागियों की संख्या अच्छी खासी है। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पदों के लिए जोड़तोड़ तेज हो गई है। निर्दलीय सदस्यों का समर्थन जुटाने को स्थानीय नेताओं को लगाया गया है वहीं बागियों को मनाने में बड़े नेता जुट गए है। सूत्रों का कहना है कि जोड़तोड़ की इस राजनीति में सत्ता की भूमिका अहम होगी। ऐसे में निर्दलीयों की पहली पसंद भाजपा ही होगी।

पश्चिम में भी कांटे की टक्कर : पश्चिम में भी पंचायत चुनाव में कांटे का मुकाबला रहा। एटा में सपा का दबदबा रहा, जबकि फीरोजाबाद, कासगंज व मैनपुरी में पार्टी बहुमत के करीब है। मथुरा में बसपा व रालोद ने दमदार मौजूदगी का अहसास कराया है। कांग्रेस सिर्फ मैनपुरी में खाता खोल पाई, अलीगढ़ में भीम आर्मी ने भी जीत हासिल की। आगरा में 51 वार्डों में भाजपा को 19 में जीत हासिल हुई है। बसपा को 18, सपा को पांच में जीत मिली है। रालोद और आप को एक-एक सीट मिली। मथुरा के 33 वार्डों में से 13 वार्डों में बसपा समर्थित प्रत्याशी जीते हैं। भाजपा और रालोद को आठ-आठ सीटें मिलीं हैं जबकि सपा को एक।

फीरोजाबाद में 33 में से 16 वार्डों में सपा ने जीत हासिल की है। भाजपा को पांच और बसपा को तीन सीटें मिलीं। मैनपुरी में 30 में से 29 वार्डों के परिणाम घोषित हो चुके हैं। सपा को 13 और भाजपा को आठ सीटों पर जीत हासिल हुई है। सात निर्दलीय जीते हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनीता शाक्य ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन यादव को हराकर चुनाव जीता है। अलीगढ़ में 47 वार्ड वाली जिला पंचायत में बहुमत के लिए 24 सदस्यों का होना जरूरी है, लेकिन यह आंकड़ा किसी के पास नहीं है। भाजपा के नौ और सपा के सात प्रत्याशी जीते हैं। सबसे अधिक 17 प्रत्याशी जिले में निर्दलीय जीते हैं। एटा में सपा ने 30 में 17 वार्डों में जीत का दावा किया है। कासगंज में 23 में 11 वार्डों में सपा जीती है।


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