इस बार खास है मनभावन सावन, जानें कैसे पूजा कर पायें इच्छित फल
ज्योतिर्विंदों के अनुसार एक मास में एक शुभवार पांच बार पड़े तो यह सभी के लिए शुभद होता है। इस लिहाज से सावन कई दृष्टियों से अतिपुण्यकारी है।
वाराणसी (जेएनएन)। बाबा भोले शंकर का मनभावन सावन मास इस बार कई मायनों में खास होगा। इसका आरंभ उन्हें सर्वाधिक प्रिय दिन सोमवार (दस जुलाई) से हो रहा और समापन भी पूर्णिमा पर सोमवार (सात अगस्त) को ही होगा। इस 30 दिन के मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। ज्योतिर्विंदों के अनुसार एक मास में एक शुभवार पांच बार पड़े तो यह सभी के लिए शुभद होता है। इस लिहाज से सावन कई दृष्टियों से अतिपुण्यकारी है।
ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार हिंदी के बारह महीनों में भगवान शंकर की आराधना के निमित्त सावन मास सर्वोपरि माना जाता है। सावन का सोमवार अपने आप में विशेष होता है। पूरे भारत में हर शिव मंदिर में सावन पर्यंत बाबा का पूजन-वंदन, अभिषेक, आराधना की जाती है लेकिन देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में इसका महत्व सर्वाधिक होता है।
सावन में भगवान शिव के निमित्त मास पर्यंत श्रीकाशी विश्वनाथ को नित्य बिल्व पत्रार्पण, नैमेत्तिक पार्थी वार्चन का विधान है। भगवान शंकर का जो भक्त नियमित पूजन न कर सके तो प्रति सोमवार तथा प्रदोष को व्रत कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन, बिल्वार्चन, अक्षतार्चन, रुद्राभिषेक व महामृत्युंजय अनुष्ठान सामथ्र्य अनुसार करने से भगवान आशुतोष प्रसन्न हो धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का आशीर्वाद देते हैं। इस मास में दूध, घी, धेनु, स्वर्ण दान करने से हर के साथ हरि भी प्रसन्न होते हैं।
सावन के खास दिन व व्रत
-10, 17, 24, 31 जुलाई व सात अगस्त को सोमवार व्रत
-21 जुलाई व चार अगस्त को प्रदोष व्रत
-11, 18, 25 जुलाई व एक अगस्त को भौम व्रत, दुर्गा यात्रा
-23 जुलाई को स्नान-दान, श्राद्ध की श्रावणी अमावस्या।
-28 जुलाई को नागपंचमी
-7 अगस्त को स्नान-दान व्रत की श्रावणी पूर्णिमा व रक्षाबंधन