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UP Secretariat Security: अब प्रवेश द्वार से ही सचिवालय में जा सकेंगे पैदल, सुरक्षा की दृष्टि से भारी फेरबदल

सचिवालय की सुरक्षा के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिवालय प्रशासन हेमंत राव ने सख्ती से इस पर अमल का निर्देश दिया है। अभी तक सचिवालय भवनों के परिसरों में प्रवेश के लिए निर्धारित द्वारों से सिर्फ वाहन अंदर दाखिल होते थे और निकास द्वार से बाहर जाते थे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 12:15 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:09 AM (IST)
सचिवालय प्रशासन विभाग ने जारी किया निर्देश।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। सचिवालय भवनों के परिसरों में अब प्रवेश के लिए निर्धारित गेट से ही पैदल अंदर जाने की अनुमति होगी। इन भवन परिसरों के निकास गेट से ही लोग पैदल बाहर जा भी सकेंगे। सचिवालय की सुरक्षा के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिवालय प्रशासन हेमंत राव ने सख्ती से इस पर अमल का निर्देश दिया है। अभी तक सचिवालय भवनों के परिसरों में प्रवेश के लिए निर्धारित द्वारों से सिर्फ वाहन अंदर दाखिल होते थे और निकास द्वार से बाहर जाते थे। पैदल आने-जाने वाले सुविधानुसार किसी भी गेट से अंदर या बाहर चले जाते थे। सुरक्षा की दृष्टि से सचिवालय प्रशासन विभाग ने तय किया है कि अब पैदल आने-जाने वालों को भी प्रवेश द्वारों से अंदर और निकास द्वार से बाहर जाने दिया जाएगा।

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अब सचिवालय के मुख्य भवन में गेट नंबर पांच, सात व नौ से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं गेट नंबर चार, छह व आठ से निकासी होगी। बापू भवन सचिवालय में अब गेट नंबर एक की बजाए मेट्रो स्टेशन के बगल में स्थित गेट नंबर दो से प्रवेश मिलेगा। लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में गेट नंबर एक से प्रवेश व गेट नंबर दो से निकासी होगी।

इस व्यवस्था का विरोध शुरू हो गया है। पैदल आने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों व आगंतुकों के लिए भी प्रवेश व निकासी के अलग-अलग गेट निर्धारित करने के विरोध में सचिवालय सेवा संगठन समन्वय समिति की सोमवार को बैठक हुई।

बैठक की अध्यक्षता उप्र सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा ने की। उन्होंने कहा कि इस तरह के फरमान जारी कर कर्मचारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। इस व्यवस्था के कारण सचिवालय के एक भवन से दूसरे भवन तक फाइल ले जाने और बैठक में जाने के लिए बेवजह लंबा चक्कर लगाना होगा। कर्मचारी बुधवार को इसके विरोध में प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मुख्य सचिव आरके तिवारी को ज्ञापन सौंपकर व्यवस्था बदलने की मांग करेंगे।


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