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UP Board exam 2019: बेंच में छिपा नकल का राज तो कहीं टिन शेड में इम्तिहान

मलिहाबाद के जनता इंटर कॉलेज खड़ौहां में टिन शेड के नीचे बैठकर परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। कक्षों से गायब खिड़की-दरवाजे अंधेरे में पेपर देने को मजबूर। आंख मूंद कर डीआइओएस ने सेंटरों की लगाई रिपोर्ट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:27 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:27 AM (IST)
UP Board exam 2019: बेंच में छिपा नकल का राज तो कहीं टिन शेड में इम्तिहान
UP Board exam 2019: बेंच में छिपा नकल का राज तो कहीं टिन शेड में इम्तिहान

लखनऊ, जेएनएन। वित्तविहीन कॉलेजों में नकल का नया हथकंडा अपनाया जा रहा है। यहां केंद्रों पर छोटी-छोटी बेंच डाली गईं। अगल-बगल बैठे छात्र पारदर्शी परीक्षा के दावे की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं अफसर निरीक्षण की रस्म अदायगी कर लौट रहे हैं। वहीं, कक्षों के दरवाजे उखड़े हैं। पर्याप्त रोशनी भी नहीं है। कहीं टिन शेड तो कहीं बरामदे में पेपर देने को छात्र मजूबर हैं। ‘जागरण’ ने राजधानी के परीक्षा केंद्रों की बदहाली की पड़ताल की। 

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प्रस्तुत है रिपोर्ट 

# सुबह 8:30 बजे क्लासिक इंटर कॉलेज

ग्राउंड फ्लोर पर बरामदे में परीक्षा हो रही थी। यहां सिंगल चेयर अगल-बगल पड़ी थीं। वहीं प्रथम फ्लोर पर वर्षो पुरानी टिन शेड के नीचे छात्र परीक्षा देने को मजबूर थे। शेड की नीचे छोटी-छोटी बेंच थीं। छात्रों को बैठने की दूरी काफी कम मिली। वहीं, बेंच फिक्स भी नहीं थीं। यहां अफसरों ने सेंटरों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की बजाए संवेदनशील घोषित कर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया।

# सुबह 9:10 बजे : जनता इंटर कॉलेज

केंद्र के कक्ष संख्या छह से 11 में टिनशेड पड़ी है। वहीं, तीन कमरों में परीक्षा हो रही है। मंगलवार को इनमें रोशनी का पर्याप्त बंदोबस्त नहीं था। अगल-बगल बैठे छात्र ताक-झांक कर रहे थे। जमीन में गड्ढे होने के चलते छात्रों की सीट बार-बार हिल रही थी। ऐसे में लिखने में दिक्कत हो रही थी।

# सुबह 10 :00 बजे प्रगतिशील इंटर कॉलेज

प्रगतिशील इंटर कॉलेज नई बस्ती धनेवा के कमरों में फर्श-प्लास्टर नहीं है। कक्षा में बेंच फिक्स नहीं हैं। एक-दूसरे छात्रों में गैप भी कम मिला। खिड़कियां खुली हैं, दरवाजे भी नहीं हैं। कच्ची जमीन में बने गड्ढों में फंसी बेंच हिल रही हैं। जिम्मेंदारों ने व्यवस्था सुधारने के बजाए अतिसंवेदनशील सेंटर घोषित कर मुंह फेर लिया।

# सुबह 10:25 बजे महात्मा गांधी कॉलेज

महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में बाउंड्रीवाल नहीं बन सकी है। इसके बावजूद इसे परीक्षा केंद्र बना दिया। यहां आधा दर्जन के करीब मजदूर परिसर में मिले, जबकि परीक्षा के दौरान बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है।

# सुबह 11:05 बजे एसपी सिंह कॉलेज

एसपी सिंह कॉलेज माल में बिजली की आवाजाही से विद्यार्थी परेशान रहे। यहां जनरेटर फील्ड में मौजूद था, मगर 11:05 बजे के करीब उसे चलाया नहीं गया। वहीं परीक्षार्थियों को सवा ग्यारह बजे के बजाए साढ़े ग्यारह बजे बाहर निकाला गया।

 

जब निरीक्षण किया था, तो कैसे बना दिए गए सेंटर

यूं तो अफसर ऑनलाइन सेंटर निर्धारण का दावा करते हैं पर हकीकत उलट है। दरअसल, बोर्ड पर ऑनलाइन दर्ज किए गए ब्योरे के तहकीकात की जिम्मेदारी डीआइओएस को सौंपी गई थी। इसके लिए टीम ने प्रस्तावित सेंटरों का भ्रमण भी किया था मगर मनमाफिक रिपोर्ट लगाकर सेंटर निर्धारित कर दिए गए।


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