खरीफ फसल पकने-कटने के एक माह बाद मिल रही मक्का क्रय नीति को मंजूरी
मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्य सरकार किसानों से 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदेगी लेकिन तब जब जरूरतमद किसानों का ज्यादातर मक्का बिचौलियों के हाथ बिक चुका है।
लखनऊ (जेएनएन)। देर सबेर ही सही लेकिन मूल्य समर्थन योजना के तहत राज्य सरकार किसानों से 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्का खरीदेगी। 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक प्रस्तावित यह खरीद प्रदेश के 10 मंडलों के 20 जिलों में की जाएगी। एक लाख मीट्रिक टन मक्का खरीदने का लक्ष्य तय करते हुए इसके लिए संबंधित जिलों में कुल 100 क्रय केंद्र बनाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि मक्का क्रय नीति तब आ रही है जब खरीफ की मक्का फसल पककर कटे एक महीना से अधिक हो चुका है और अधिकांश मक्का बिचौलिए के हाथ बिक चुका है। अमूमन उत्तर प्रदेश में जून-जुलाई में बोई गई मक्का की फसल 45 दिनों में पूर्ण विकसित होकर 50 से 60 दिनों में भुट्टे देने लगती है। इसके लिए यहां की मिट्टी अधिक उपयुक्त मानी जाती है। हालांकि मक्का की खरीफ के अलावा रबी और जायद में भी बोआई की जाती है लेकिन उसका रकबा बहुत कम होता है।
मक्का खरीद नीति को मंजूरी
चार दिन बाद से शुरू होने वाली मक्का खरीद नीति को मंजूरी के लिए जहां इस बार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं खाद्य आयुक्त आलोक कुमार ने भी सभी संबंधित जिलों के डीएम और मंडलों के संभागीय खाद्य नियंत्रकों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया कि मक्का क्रय नीति अनुमोदन के बाद उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन तब तक खरीद के लिए सभी जरूरी काम पूरे कर लिए जाएं। इसके लिए क्रय केंद्र निर्धारण के साथ खरीद की समय सारणी भी जारी कर दी गई है। अधिकारियों को 10 नवंबर तक मक्का भंडारण का प्लान उपलब्ध कराने को कहा गया है।