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यूपी में सख्त निगरानी में होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं, कई स्तरों पर गठित होंगे उड़नदस्ते

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड की भी परीक्षाएं सख्त निगरानी में कराने जा रही है। ये परीक्षाएं 25 फरवरी से पांच मार्च के बीच होनी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 10:12 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 04:09 PM (IST)
यूपी में सख्त निगरानी में होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं, कई स्तरों पर गठित होंगे उड़नदस्ते

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड की भी परीक्षाएं सख्त निगरानी में कराने जा रही है। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए मदरसा बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की औचक जांच के लिए कई उड़नदस्ते बनाने का निर्णय किया है। आकस्मिक जांच के लिए जिले को सेक्टरों में बांटकर जिला प्रशासन के सहयोग से सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं सचल दल गठित किए जाएंगे।

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इस बार मदरसा बोर्ड की सेकेंडरी (मुंशी, मौलवी) व सीनियर सेकेंडरी (आलिम, कामिल एवं फाजिल) परीक्षाएं 25 फरवरी से पांच मार्च के बीच होनी हैं। इस बार छात्रों को दूसरे केंद्रों में जाकर परीक्षा देनी होगी। छात्राओं को स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली का लाभ मिलेगा। हालांकि यहां पर कक्ष निरीक्षक से लेकर व्यवस्थापक तक सब बदल जाएंगे।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्रों की जांच के लिए कई उड़नदस्ते बनाए जाएंगे। इनमें विद्यालय स्तर, जिला स्तर व परिषद स्तर पर अलग-अलग उड़नदस्ते बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिस भी केंद्र में ज्यादा गड़बड़ी मिलेगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड के सदस्य भी परीक्षाओं की जांच कर सकेंगे। बालिकाओं की तलाशी सचल दल की महिला सदस्य ही लेंगी। इस बार बोर्ड परीक्षा के लिए 558 परीक्षा केंद्र बनाए थे। इसमें 1.82 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।

प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मनोज सिंह ने सभी जिलों के डीएम को इसके दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। हर जिले में मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए डीएम व एसएसपी से पुलिस फोर्स की मांग की गई है। जिलों को सेक्टर में बांटकर सेेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए जाएंगे। प्रश्नपत्र लीक न हो इसकी जिम्मेदारी इनकी होगी। जिला प्रशासन प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए कम से कम दो सशस्त्र गार्ड की भी व्यवस्था कराएंगे। प्रत्येक जिले में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के यहां नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे।


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