मां विंध्यवासिनी के सिंदूर से मिलता है अखंड फल
मां विंध्यवासिनी की वजह से आस्था व श्रद्धा के केंद्र विंध्य क्षेत्र की और भी कई खूबियां हैं। इनमें शुमार है यहां का सिंदूर और उसका व्यवसाय। यहां बनने वाले सिंदूर को सुहागिनें मां के चरणों में चढ़ाने के बाद अपनी मांग में भरती हैं। मान्यता है कि मां के
मीरजापुर (आनन्द शंकर मिश्र) । मां विंध्यवासिनी की वजह से आस्था व श्रद्धा के केंद्र विंध्य क्षेत्र की और भी कई खूबियां हैं। इनमें शुमार है यहां का सिंदूर और उसका व्यवसाय। यहां बनने वाले सिंदूर को सुहागिनें मां के चरणों में चढ़ाने के बाद अपनी मांग में भरती हैं। मान्यता है कि मां के चरणों में अर्पित सिंदूर से मांग भरने से दांपत्य जीवन हमेशा सुखी रहता है। यानी अखंड सौभाग्यवती का फल मिलता है।
सामान्य दिनों के अलावा प्रतिवर्ष नवरात्र में ही पंद्रह से बीस लाख श्रद्धालु देवी का दर्शन-पूजन करने आते हैं। खासतौर से महिलाएं मां के चढ़ावे में चुनरी, माला, फूल व प्रसाद के साथ सिंदूर लेना नहीं भूलतीं। यहां से जाने के बाद प्रसाद स्वरूप सिंदूर को वर्ष भर उपयोग करती हैं। मेगा स्टार अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय वर्ष 2007 में धाम आईं थीं। साथ में श्वसुर अमिताभ, पति अभिषेक व उनके पारिवारिक मित्र अमर सह भी थे। कहा जाता है कि ऐश्वर्या की शादी में विंध्याचल से गए सिंदूर का ही उपयोग किया गया था।
कारोबार से जुड़े हैं पांच सौ परिवार
विंध्यधाम में सिंदूर के कारोबार से लगभग पांच सौ परिवार जुड़े हैं। व्यवसाय से जुड़े लोगों में मुस्लिमों की तादाद अधिक है। वे पूरी सफाई और श्रद्धा से सिंदूर तैयार करते हैं। उनका मानना हैं कि इस कारोबार से जुडऩे में मां विंध्यवासिनी की प्रेरणा ही काम आती है। थाना कोतवाली रोड, पश्चिम महाल, न्यू वीआइपी, पक्का घाट आदि मोहल्लों में सिंदूर बनाया जाता है। कारोबारी सुरेश कुमार जायसवाल व राम कुमार ने बताया कि नवरात्र में सिंदूर का कारोबार बढ़ जाता है। प्रतिदिन दो लाख से अधिक का व्यवसाय होता है।
कई तरह के सिंदूर
जक्शन सिंदूर काफी वजनी होता है। इसमें पारा मिलाया जाता है। महंगा होने की वजह से इसका उपयोग सामान्य घरों की महिलाएं नहीं कर पाती हैं। दूसरा गज्जी सिंदूर हल्का और चमकीला होता है। तीसरी वैरायटी आरारोट सिंदूर की है। यह सामान्य क्वालिटी का सस्ता, पीला और चमकीला होने की वजह से आकर्षक भी होता है।