Lucknow Zoo 99Years: आइए, जू में करें वन्यजीवों के दीदार संग ‘इंद्रपुरी’ की सैर
Lucknow Zoo 99Years नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान अपने 99 साल पूरे कर चुका है। आज 29 नवंबर को 100 वें साल में प्रवेश कर गया है। चिडिय़ाघर में नरही और डालीगंज गेट से कर सकते हैं प्रवेश। खिड़की के अलावा ऑनलाइन भी ले सकते हैं टिकट।
लखनऊ, जेएनएन। Lucknow Zoo 99Years: जू, चिडिय़ाघर या नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान। यदि आप यहां की सैर कर चुके हैं तो बहुत कुछ जानते होंगे। अगर नहीं घूमे हैं तो आइए हमारे साथ। हम आपको जू में कहां क्या है, न सिर्फ ये बताएंगे बल्कि उसकी खासियत से रूबरू भी कराएंगे। वन्यजीवों के बाड़े, पक्षियों के घर, हवासील, कछुए के जलाशय, तितली पार्क के साथ राज्य संग्रहालय तक ले चलेंगे। एक्वेरियम संग सांप घर के बारे में भी बताएंगे। अंत में बालट्रेन स्टेशन इंद्रपुरी भी घुमाएंगे। अगर आप जू में भ्रमण के लिए जाना भी चाहते हैं तो इस स्टोरी को पढऩे के बाद हर जगह घूमना आसान होगा।
जू में भ्रमण के लिए नरही और डीजीपी कार्यालय के पास दोनों गेट पर काउंटर हैं, जहां से आप टिकट ले सकते हैं। पांच साल तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क है। छह से 12 साल तक के बच्चों के लिए 30 रुपये व 13 या इससे ऊपर की उम्र के दर्शकों के लिए 60 रुपये का टिकट है। आप http://lucknowzoo.com/booking.html से आनलाइन टिकट भी ले सकते हैं। इस पर 10 प्रतिशत की छूट भी मिलती है।
जू में अंदर जाने के लिए दो गेट से प्रवेश होता है। नरही गेट जू का मुख्य द्वार है। यहां बायें हाथ पर बनी पार्किंग में अपना वाहन पार्क कर सकते हैं। प्रवेश के लिए इस गेट के बायीं ओर बने काउंटर से टिकट ले लें। यहां बच्चों के लिए व्हील चेयर या बड़े-बुजुर्गों के भ्रमण के लिए बैट्री कार ले सकते हैं। जू का दूसरा गेट डालीबाग कालोनी की ओर से है। इस गेट पर दाहिने हाथ पर टिकट खिड़की है और बायीं ओर पार्किंग है। इस गेट पर आपको बैट्री कार या व्हील चेयर की सुविधा नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको नरही गेट पर जाना होगा। आप इस गेट से अंदर जाकर भी नरही मुख्य गेट पर जा सकते हैं। जहां ये सुविधाएं ले सकते हैं।
जू के नरही गेट की ओर से आने पर बायीं ओर प्रकृति शिक्षण केंद्र है, जहां आप वन्यजीवों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। साथ ही वन्यजीवों से जुड़ी मनचाही सामग्री खरीद सकते हैं। दाहिनी ओर सांप घर है, जिसमें विभिन्न प्रजातियों के सांप हैं। इनमें अजगर, कोबरा, वाइपर आदि शामिल हैं। बायीं ओर डीयर लैंड हैं, जहां काले हिरन, चीतल, बारहसिंघा और पांडा की दिनचर्या से रूबरू हो सकते हैं। आगे बढऩे पर दाहिनी ओर अपनी रोचक दिनचर्या के लिए मशहूर चिंपांजी निकिता और जैक्सन दिखाई देंगे। आप इनके साथ थोड़ी मस्ती कर आगे बढ़ेंगे तो लायनटेल मंकी, स्याह, कालू बंदर मिलेगा, जो कभी पेड़ तो कभी हरी घास पर उछलकूद करता दिखाई देगा। इसके बायें हाथ पर हिरन का बाड़ा और आगे शुतुरमुर्ग का बाड़ा है। थोड़ा आगे देसी भालू श्रीदेवी और जामवंत कभी खाई में तो कभी हरी घास में पसरे मिलेंगे। आगे टाइगर हाउस है, जहां आदमखोर किशन, शिशिर और इप्शिता की दहाड़ सुनाई देगी। टाइगर हाउस के आगे हिमालयन भालू का बाड़ा है। यह देसी भालू से इतर ठंडे इलाके में रहने वाला भालू है।
आगे बढऩे पर बायें हाथ पर ही पडऩे वाले बाड़े के अंदर पांडा और पानी में अठखेलियां करते हवासील आपको रोमांचित कर देंगे। दाहिनी ओर हुक्कू बंदर का बाड़ा है। हुक्कू पेड़ों पर उछलकूद के साथ अपनी आवाज से आपको खूब हंसाएगा। हुक्कू के बाद कछुआ का जलाशय है, जिसमें विभिन्न प्रजाति के कछुए तैरते या टापू पर बैठे दिखाई देंगे। बायें हाथ पर विलुप्त हो रहे गिद्ध मिलेंगे। यहां गिद्धों की दिनचर्या को करीब से देखा जा सकता है। गिद्ध बाड़े के दूसरी ओर दाहिने हाथ पर डक पांड है, जहां विभिन्न प्रजाति के जलीय पक्षी पानी में अठखेलियां करते दिखाई देंगे। इनमें हवासील, रोजी, स्पून बिल, ब्लेक और व्हाइट स्वान आदि को देख सकते हैं। थोड़ा आगे फिसिंग कैट और जंगली बिल्ली का बाड़ा है। इस बाड़े में विलुप्त होती बिल्लियों को देखा जा सकता है। फिसिंग कैट के बाद तोते का बाड़ा है। जहां विभिन्न प्रजाति के रंग-बिरंगे तोते दिखाई देंगे। आगे बढऩे पर जू के दोनों गेट पर पहुंचने वाली सड़क है। इसी के बगल जिराफ का बाड़ा है। जहां लंबी गर्दन वाली सुजाता अपने शांत और सहज स्वभाव से आपको आकर्षित करेगी। जिराफ बाड़े से सटा अगला बाड़ा पक्षी एमू और चिंकारा का है तो इसके बायें हाथ पर मछली घर है। जहां विभिन्न प्रजाति की रंग-बिरंगी मछलियों को एक्वेरियम में और कछुओं को पांड में देखना आनंदित करेगा। मछली घर के बाद फूड कोर्ट है। जहां आप अपने मनपसंद व्यंजनों का लुत्फ ले सकते हैं। इसी से सटा उल्लू घर है। मछली घर के पीछे से जाता हुआ रास्ता आपको राइनो हाउस तक पहुंचाएगा। पिछले दिनों गैंडे की मौत के बाद से ये बाड़ा खाली है। राइनो हाउस के बाद बोटिंग पांड है। जहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
इसके आगे जाने के लिए वापस मछली घर वापस आना होगा। फिर जू की मुख्य सड़क पर चलने पर बायें हाथ पर राज्य संग्रहालय पड़ेगा, जहां देश की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत से रूबरू हो सकते हैं। संग्रहालय के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वायुयान खड़ा है। इसके आगे बढऩे पर एक रास्ता बायीं ओर लायन हाउस की ओर जाता है, जहां शेर पृथ्वी और शेरनी वसुंधरा की दहाड़ आपको रोमांचित कर देंगी। आगे बढऩे पर शावकों का बाड़ा दिखाई देगा, जहां वसुंधरा के बच्चे आपका खूब मनोरंजन करेंगे। लायन हाउस के आगे बढऩे के बाद आपको लैपर्ड के बाड़े दिखाई देंगे। यहां अलग-अलग बाड़ों में तीन लैपर्ड हैं। आगे बढऩे पर दाहिनी ओर सफेद टाइगर जय व विजय और उनकी मां विशाखा अपनी चपलता से रोमांचित कर देंगे। आगे घडिय़ाल, मगरमच्छ और हिप्पोपोटमस के बाड़े हैं। आगे बटर फ्लाई पार्क है, जहां आप हरियाली के बीच तितलियों को निहारने के साथ ठंडी हवा का आनंद ले सकते हैं। बटरफ्लाई पार्क के बाद पक्षियों के कई बाड़े हैं। जहां सफेद मोर, पहाड़ी तोता, मकाऊ, कबूतर, मैना के अलावा लगभग 20 प्रजाति की 250 से अधिक चिडिय़ां देख सकते हैं। पक्षी बाड़ों के बाद आप जू के बालट्रेन स्टेशन इंद्रपुरी पर आ जायेंगे। इसी के साथ जू का भ्रमण पूरा गया।