Move to Jagran APP

Lucknow University 62वां दीक्षा समारोह: दुर्गेश को चांसलर गोल्ड मेडल, सामिया को 11 स्वर्ण पदक

लखनऊ विश्वविद्यालय के 62वां दीक्षा समारोह में 40 हजार 35 डिग्री और 192 मेडल होंगे वितरित। दीक्षा से पूर्व लूटा ने मांगा कुलपति का इस्तीफा

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 04:53 PM (IST)
Lucknow University 62वां दीक्षा समारोह: दुर्गेश को चांसलर गोल्ड मेडल, सामिया को 11 स्वर्ण पदक
Lucknow University 62वां दीक्षा समारोह: दुर्गेश को चांसलर गोल्ड मेडल, सामिया को 11 स्वर्ण पदक

लखनऊ, जेएनएन।  लखनऊ विश्वविद्यालय का 62वां दीक्षा समारोह मंगलवार को राज्यपाल/ कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में हुआ। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि बेटियों दहेज देने और बेटे दहेज लेने से इन्कार करें। वहीं, मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार बोले कि राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था पर फोकस करना होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंची चंद्रयान टू की मिशन डायरेक्टर रितु करिधल ने कहा कि परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपने कठिन परिश्रम से सफलता को प्राप्त कर सकता है। समारोह में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे।

loksabha election banner

इस दौरान 192 मेडल ही वितरित किए गए। एमएससी मैथ की छात्रा सामिया इकराम ने 11 मेडल हालिस किए। वहीं, दुर्गेश कुमार त्रिपाठी को चांसलर गोल्ड मेडल मिला। पीएचडी में गोल्ड पाने वाली डॉ सोनल अग्रवाल ब्लाइंड होने के बावजूद कर्म पर से विश्वास नहीं हटा। अपनी मेहनत का फल हासिल किया। बीते वर्ष की तरह इस बार भी दीक्षा समारोह में बेटियों का डंका बजा। 

मेडल वितरित

  • सामिया इकराम : 11 स्वर्ण पदक
  • ऋषभ त्रिपाठी : 8 स्वर्ण पदक।
  • विभान्तिका द्विवेदी : 8 स्वर्ण पदक
  • सालिहा खातून : 7 स्वर्ण पदक
  • अपूर्वा सिंह : 6 स्वर्ण पदक
  • तंजीला सिद्धिक्वि : 6 स्वर्ण पदक
  • निमिषा सिंह : 5 स्वर्ण पदक
  • शारर्याति प्रकाश : 5 स्वर्ण पदक।
  • मुकेश कुमार : 4 स्वर्ण पदक।
  • विकास कुमार : 4 स्वर्ण पदक।

दीक्षा समारोह से पहले 4 मेडल देने पर लगी रोक

लविवि के दीक्षा समारोह विवाद के चलते चार मेडल नहीं वितरित किए गए। बताया गया कि न्यायालय के निर्देश के बाद सोमवार को यह फैसला लिया गया। अभी तक दीक्षा समारोह में 196 मेडल वितरित करने की घोषणा की गई थी। मगर अब 192 मेडल ही वितरित हुए। 

दरअसल, एम कॉम एप्लाइड इकोनोमिक्स के मेडल को लेकर लविवि की छात्रा रही प्रिया टंडन ने आपत्ति दर्ज कराई है। छात्रा का कहना है कि एम कॉम में पांच मेडल हैं। इनमें से चार मेडल एमकॉम में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले को दिए जाते हैं। जबकि एक अन्य मेडल को एमकॉम एप्लाइड इकोनोमिक्स में सर्वाधिक अंक के लिए दिया जाता है। प्रिया का कहना है कि उसके 75.52 प्रतिशत हैं और उसे एक मेडल दिया जा रहा है। जबकि बाकी चार मेडल उस स्टूडेंट को दिए जा रहे हैं जिसके 75.13 प्रतिशत हैं। प्रिया ने अपने आप को चार मेडल का दावेदार बताया है। साथ ही दावा किया है कि पांच मेडल उसे मिलने चाहिए। छात्रा ने मामले में कुलपति से लेकर कुलाधिपति तक अपनी शिकायत की थी। बाद में न्यायालय की शरण ली।

20 बच्चों को मिला स्कूल बैग

प्रो. पांडेय ने बताया कि दीक्षा समारोह में मंच से बेसिक शिक्षा विभाग के 20 छात्रों को कुलाधिपति के ओर से सम्मानित किया। सभी बच्चों को कुलाधिपति अपने उद्बोधन से पहले इनको सम्मानित हुए। इसमें दस छात्र व दस छात्राएं शामिल हुए। इन सभी को स्कूल बैग, किताबों स्टेशनरी का पूरा सामान कुलाधिपति की ओर से वितरित किया गया।

40 हजार से अधिक को मिलेगी डिग्री

दीक्षा समारोह में इस बार 40 हजार 35 छात्र-छात्राओं को विभिन्न कोर्सेज की डिग्री प्रदान की गई। जिसमें 15459 छात्र और 24576 छात्राओं को डिग्री प्रदान किया। इसके अलावा 196 मेडल प्रदान किए जा रहे हैं। जिसमें 66 मेडल छात्राओं को और 26 मेडल छात्रों को दिया गया। 

 क्या कहते हैं लविवि प्रवक्ता? 

लविवि प्रवक्ता प्रो एनके पाण्डेय के मुताबिक, न्यायालय के अगले आदेश तक इन मेडल के वितरण पर रोक लगाई गई है। 

 

केवल मेडल और डिग्री बांटकर किया पूर्वाभ्यास

वहीं, बीते दिन यानी सोमवार को लखनऊ विवि में दीक्षांत समारोह के पूर्वाभ्यास में केवल छात्रों को मंच तक आने और किस तरह से मेडल प्राप्त करना है यही बताया गया। न तो कोई कुलाधिपति बना और न ही मुख्य अतिथि। ऐसा पहली बार हुआ जब दीक्षा समारोह के पूर्वाभ्यास के दौरान मंच पर बैठने वाले अतिथियों का कोई रोल विवि के किसी प्रोफेसर के द्वारा नहीं निभाया गया। लविवि प्रवक्ता प्रो एनके पांडेय ने बताया कि मुख्य समारोह में मंच पर केवल कुलाधिपति, वीसी, मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ही होंगे। ऐसे में उनके नाम पर पूर्वाभ्यास नहीं किया गया। 

दीक्षा से पूर्व लूटा ने मांगा कुलपति का इस्तीफा

उधर, लखनऊ विश्वविद्यालय में दीक्षा से एक दिन पूर्व माहौल गर्मा गया। सोमवार को शारीरिक शिक्षा विभाग में लूटा कार्यकारिणी की बैठक हुई। जिसमें कुलपति प्रो. एसपी सिंह के इस्तीफे तक की मांग की गई। बैठक में लूटा अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन व महामंत्री डॉ. विनीत वर्मा ने कहा कि पौने दो करोड़ रुपए की जालसाजी के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति अभी तक किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं कर पाए। जबकि सारा मामला वर्तमान कुलपति के समय का ही है। वे विश्वविद्यालय के निधियों का संरक्षण कर पाने में असफल रहे। ऐसे में कुलपति, को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।  लूटा ने आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचाने और संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि साक्ष्यों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो, निष्पक्ष जांच हो, किसी के विरुद्ध पद का दुरुपयोग न हो इसके लिए यह आवश्यक है कि अपने कार्यकाल केअंतिम कुछ दिनों में पूर्व की भांति कुलपति के अधिकार दैनिक कार्यों की सीमा तक सीमित किए जाएं। किसी भी प्रकार के नए निर्णय लेने पर रोक लगा दी जाए क्योंकि पक्षपात की पूरी संभावना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.