लखनऊ में दो दिवसीय 'रंग दे बसंती' कार्यक्रम का समापन, संगीत से किया गया शहादत को नमन
लखनऊ में 1090 चौराहा पर संस्कृति विभाग की ओर से दो दिवसीय आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत रंग दे बसंती कार्यक्रम का समापन बुधवार को हुआ। इस दौरान 1090 चौराहे पर देशभक्ति गीतों की गूंज रही। मुख्य अतिथि मेयर संयुक्ता भाटिया रहीं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। संस्कृति विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित दो दिवसीय 'रंग दे बसंती' कार्यक्रम के समापन समारोह के मौके पर बुधवार को 1090 चौराहे पर देशभक्ति गीतों की गूंज रही। आयोजन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि मेयर संयुक्ता भाटिया रहीं। वहीं, बहादुर योद्धा कैप्टन मनोज पांडे के परिवार के सदस्यों ने भी शामिल होकर आयोजन की गरिमा बढ़ाई।
इस दौरान भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव की शहादत को भी नमन किया गया। शहीदों को याद करते हुए घंटाघर पर आजादी के तराने बैंड प्रतियोगिता हुई। वहीं, 1090 चौराहे पर जयपुर के प्रसिद्ध स्वराग बैंड ने आजादी के गीतों पर प्रस्तुति दी। समापन समारोह में घंटाघर पर हुई आजादी के तराने बैंड प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम के दौरान कवि प्रख्यात मिश्र ने वीर रस की कविताओं से जोश भरा। इसी कड़ी में राजस्थानी गीत और संगीत के लिए प्रसिद्ध इतिहास के झरोखों से स्वतंत्रता संग्राम व आजादी के गीतों पर आधारित स्वराग बैंड की रंगारंग प्रस्तुति को भी खूब पसंद किया गया। स्वराग इंडो वेस्टर्न फ्यूजन बैंड है, जो सूफी-फ्यूजन, इंडो-वेस्टर्न, बालीवुड मैशअप, इंस्ट्रुमेंटल फ्यूजन और लोक गीतों में माहिर है।
गायक आसिफ खान ने देशभक्ति गीतों से शाम की रौनक बढ़ाई। तबले पर सैफ अली खान, गिटार पर इदरीस खान ने साथ दिया। सहगान जीशान (बच्चा) का रहा।
1090 चौराहा पर लोक नृत्य ने भी दर्शकों को अपनी कलाओं से आकर्षित किया। इसमें मथुरा के हंसराज और दल ने बम रसिया, दीपक और दल ने मयूर नृत्य, अयोध्या के शीतल वर्मा और दल में फरवाही नृत्य, गाजीपुर के सुशील और दल में धोबिया नृत्य, ललितपुर की मोहिनी और दल ने राई नृत्य, बांदा की रमेश पाल और दल ने दिवारी नृत्य व अन्य मनमोहक लोक नृत्यों की प्रस्तुति से उल्लास भरा।