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Lucknow News: ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने श्रीरामचरित मानस की जलाई थी प्रतियां, अब दो आरोपितों पर लगा NSA

उत्तरप्रदेश में श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में दो मुख्य आरोपित मो. सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की गई है। रविवार रात जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने आदेश जारी कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmal PareekPublished: Sun, 05 Feb 2023 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 11:34 PM (IST)
Lucknow News: ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने श्रीरामचरित मानस की जलाई थी प्रतियां, अब दो आरोपितों पर लगा NSA
ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं पर श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने पर लगा NSA

जागरण संवाददाता, लखनऊ : पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा श्रीरामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उत्तरप्रदेश में श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाने के मामले में दो मुख्य आरोपित मो. सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की गई है। रविवार रात जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने आदेश जारी कर दिया है।

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ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने जलाई थी प्रतियां

जानकारी के मुताबिक पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए विवादित बयान के समर्थन में ओबीसी महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने 29 जनवरी को वृंदावन योजना तिराहे पर श्रीरामचरित मानस की प्रतियां पैरों तले कुचलकर जला दी थीं। महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सनातन धर्म संस्कृति और श्रीराम चरित मानस की चौपाई और रचयिता तुलसीदास पर भी सवाल उठाते हुए नारेबाजी की थी। महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि श्रीरामचरित मानस में कई चौपाइयों में जातियों के विषय में गलत बाते लिखी हैं। संविधान में संशोधन हो सकता है यह हवाला देते हुए प्रदेश सरकार से श्रीरामचरित मानस में लिखित चौपाइयों को हटाने और संशोधित करने का बयान जारी किया था। इसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर जारी हुआ था।

महासभा के 10 आरोपितों को पुलिस ने भेजा था जेल

घटना के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा समेत कई अन्य हिंदू वादी संगठनों ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर हंगामा और बवाल किया था। इसके बाद पीजीआइ पुलिस ने देर रात ऐशबाग के रहने वाला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्य समिति के सदस्य सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, देवेंद्र सिंह, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा, सलीम और कुछ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अगले दिन 30 जनवरी को इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह और उनकी टीम ने पांच आरोपित सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सुरेश सिंह यादव और मो. सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

आरोपितों पर हिंसा फैलाने की साजिश का था आरोप

मुकदमा दर्ज कराने वाले सतनाम सिंह ने आरोप लगाया था कि श्रीरामचरित मानस की प्रतियां जलाकर उक्त आरोपितों ने एक समुदाय की भावना को आहत करने, सांप्रदायिक दंगा फैलाने, विद्वेष फैलाने, हिंसा के लिए लोगों को उकसाने, राज्य की लोक व्यवस्था व कानून व्यवस्था को खराब करने माहौल बिगाड़ने का जानबूझ कर प्रयास किया है। इन्हीं आरोपों के तहत आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

रिमांड लेकर पुलिस ने बरामद किया था प्रिंटर और दो मोबाइल

आरोपितों को जेल भेजने के बाद पीजीआइ पुलिस ने पांचों आरोपितों की बुधवार सुबह 24 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड ली थी। पूछताछ में पता चला था कि श्रीरामचरित मानस के पन्नों की फोटो सत्येंद्र ने अपने मोबाइल में खींची थी। इसके बाद कालोनी में ही एक दुकानदार के मोबाइल पर वाट्सएप की थी। दुकानदार ने आरोपित देवेंद्र के कहने पर श्रीरामचरित मानस के उन पन्नों की प्रतियां अपने प्रिंटर से निकालीं थीं। सत्येंद्र कुशवाहा, मो. सलीम उन प्रतियों को लेकर वृंदावन तिराहे पर पहुंचे थे। इसके बाद पांचों ने उन्हें पैरों से कुचला था और फिर आग लगा दी थी।


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