Move to Jagran APP

Lucknow New Talent : कुछ खास है ये नाना-नाती की सुरमयी अनोखी जोड़ी

Lucknow New Talent तीन साल की उम्र में ही आराध्य प्रवीण ने नाना रविनाथ मिश्रा से शुरू किया था तबला सीखना। सांगीतिक परिवार का बखूबी असर आराध्य पर पड़ा और कम उम्र में ही आराध्य ने संगीत संस्कार ग्रहण करना शुरू कर दिया।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 09:35 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 09:35 AM (IST)
Lucknow New Talent : कुछ खास है ये नाना-नाती की सुरमयी अनोखी जोड़ी
तीन साल की उम्र में ही आराध्य प्रवीण ने नाना रविनाथ मिश्रा से शुरू किया था तबला सीखना।

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। बनारस घराने के तालवाद्य शिरोमणि स्व. पंडित बद्री महाराज के पुत्र चतुर्मुखी तबला वादक एवं वरिष्ठ गुरु पंडित रविनाथ मिश्र के नाती आराध्य प्रवीण कम उम्र में ही कुशल बाल तबला वादक के तौर पर अपनी पहचान बनाने लगे हैं। आराध्य प्रवीण के दादा पंडित रामकृष्ण मिश्र एवं पंडित राम प्रकाश मिश्र प्रख्यात गायक रहे हैं। वहीं, मां मनीषा मिश्रा प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और पिता प्रवीण कश्यप कुशल गायक हैं। सांगीतिक परिवार का बखूबी असर आराध्य पर पड़ा और कम उम्र में ही आराध्य ने संगीत संस्कार ग्रहण करना शुरू कर दिया।

loksabha election banner

सिर्फ तीन वर्ष की आयु में ही संगीत के प्रति अपनी विशेष रुचि दिखाकर तबला की विधिवत शिक्षा-दीक्षा अपने नाना पंडित रविनाथ मिश्रा से लेना शुरू कर दिया। नाना रविनाथ मिश्रा और नाती आराध्य प्रवीण नाना-नाती की अनोखी जोड़ी के रूप में विख्यात है। आराध्य सेंट फिडेलिस कॉलेज के छात्र हैं। पढ़ाई के साथ-साथ नियमित चार घंटे का अभ्यास करते हैं। आराध्य लखनऊ के साथ ही बनारस घराने के संगीत की भी समझ रखते हैं। लखनऊ घराने का कायदा, विभिन्न प्रकार के टुकड़े, फरमाइशी चक्करदार के साथ ही बनारस घराने का विशेष प्रस्तार आराध्य की विशेषता है।

देश के बाहर प्रस्तुति

देश के अनेक प्रतिष्ठित सांगीतिक समारोहों के साथ ही आराध्य ने श्रीलंका की सांगीतिक कर विभिन्न स्थलों के संगीतमय मंचों पर अपनी कुशल उपस्थिति दर्ज कराई है। वहीं, कोरोना काल में आराध्य ऑनलाइन मंच सजा रहे हैं। हाल ही में आराध्य ने पंडित गुरुपद सेवा धाम एवं सरकार वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एकल तबला वादन भी प्रस्तुत की, जिसे हर किसी ने खूब सराहा। आराध्य तबला वादन में बोलों की सुस्पष्टता, दाएं-बाएं का संतुलन, लय की समझ, विशेष तैयारी, जोरदार बोल पढ़ंत, मंचीय प्रस्तुति की सूझ-बूझ का बेहतर परिचय देते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.