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लखनऊ नगर निगम को भारी नुकसान, अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया करोड़ों का घपला

ट्रांसपोर्टनगर की पार्किंग से नगर निगम को कई करोड़ का चूना लगाने वाले अधिकारी से लेकर कर्मचारियों पकड़े गए। अचानक निरीक्षण पर ट्रांसपोर्टनगर पार्किंग स्थल पहुंचे नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने यह घपला पकड़ा था जहां फर्जी रसीदों से शुल्क वसूलने का खेल चल रहा था।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 03:19 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 03:19 PM (IST)
लखनऊ नगर निगम को भारी नुकसान, अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया करोड़ों का घपला
नगर निगम को अधिकारियों व कर्मचारियों ने लगाया करोड़ों का चूना।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। ट्रांसपोर्टनगर की पार्किंग से नगर निगम को कई करोड़ का चूना लगाने वाले अधिकारी से लेकर कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यह है कि पार्किंग से जुड़े अभिलेख आडिट टीम को क्यों नहीं दिए जा रहे थे। मुख्य नगर लेखा परीक्षक की आडिटर प्रियंका सेठ की तरफ से जोनल अधिकारी आठ को कई पत्र भी लिखे गए थे लेकिन पार्किंगों के अभिलेख नहीं दिए गए। दैनिक जागरण को मिले इस पत्र में कई पार्किंगों से जुड़े अभिलेख मांगे गए थे, जिसमें घपले के कारण चर्चा में आई ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग भी है। अगर अभिलेख दे दिए गए होते तो गड़बड़ी पहले ही पकड़ ली जाती।

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इस तरह हो रहा था घपला : नगर निगम ने ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंग नंबर दस का ठेका 38 लाख में दिया है, जबकि शेष नौ पार्किंगों का संचालन नगर निगम खुद से ही कर रहा था। इसमें साल भर की वसूली मात्र तीस लाख ही दिखाई गई। सवाल यह है कि मात्र एक पार्किंग का 38 लाख और ठेकेदार भी उसमें लाभ कमा रहा होगा तो नगर निगम के कर्मचारी कुल पार्किंगों से इतनी कम रकम कैसे वसूल रहे थे। हर पार्किंग से पंद्रह से बीस हजार तक की वसूली ही हर माह में दिखाई जा रही थी।

अगर अप्रैल माह की वसूली का चार्ट देखा जाए तो वह चौंकाने वाला है। पार्किंग नंबर एक से 17,500 रुपये, दो से 15350 रुपये, तीन से 37, 500 रुपये, चार से 21800 रुपये, पांच से 21,250 रुपये, सात से 22750 रुपये, नौ से 58200 रुपये, और दस से पचास हजार की वसूली ही दिखाई गई है, जबकि वहां पर पार्किंग शुल्क की वसूली घंटे के हिसाब से की जाती है।

यह था मामला, शासन को भेजी गई रिपोर्ट : सोमवार को अचानक निरीक्षण पर ट्रांसपोर्टनगर पार्किंग स्थल पहुंचे नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने यह घपला पकड़ा था, जहां फर्जी रसीदों से शुल्क वसूलने का खेल चल रहा है और अवैध दुकानें संचालित हो रही थीं। इस अनियमिमताओं पर नगर आयुक्त ने जोनल अधिकारी संगीता कुमारी को कारण बताओं नोटिस देने के साथ मुख्यालय से संबंद्ध कर दिया था तो दो कर अधीक्षकों में सुनील त्रिपाठी, केशव प्रसाद, राजस्व निरीक्षक (श्रेणी प्रथम) पीयूष तिवारी, धनीराम तिवारी के निलंबन का बुधवार कोनिदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा गया है।

बुधवार को राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) इसरार अहमद, राजेश पटेल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विनय दुबे, अशोक कुमार, रावेंद्र कुमार व राजेश कुमार का निलंबन आदेश जारी हो गया और सभी के लिए अलग-अलग जांच को भी निलंबित कर दिया गया है।


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