वेंटिलेटर के लिए लखनऊ के अस्पतालों में वेटिंग, 817 के मुकाबले हैं सिर्फ 303
मरीज तोड़ रहे दम समय पर इलाज मिलना मुश्किल। कई अस्पतालों में एक भी नहीं है वेंटिलेटर।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, चिकित्सा संस्थानों में हजारों बेड हैं। मगर, वेंटिलेटरों का संकट है। ऐसे में गंभीर मरीजों का इलाज वेटिंग में है। जनपद के शहरी और ग्रामीण इलाकों में 143 छोटे-बड़े अस्पताल हैं। वहीं प्रमुख रूप से केजीएमयू, एसजीपीजीआइ, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ-साथ नौ जिला और संयुक्त अस्पताल हैं। इन अस्पतालों के वार्डों में करीब 8,172 बेड हैं। वहीं वेंटिलेटर की संख्या 303 ही है। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर शून्य हैं। जहां है भी वहां 25 से 30 मरीजों की वेटिंग चल रही है। लिहाजा, गंभीर मरीजों को समय पर वेंटिलेटर मिलना चुनौती है। अब तक कई मरीजों की वेंटिलेटर के अभाव में मौत हो चुकी है।
10 बेड पर हो एक वेंटिलेटर
विशेषज्ञों के मुताबिक, अस्पताल में 10 बेड पर एक वेंटिलेटर का मानक है। ऐसे में शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में 817 से अधिक वेंटिलेटर की आवश्यकता है। मगर, मौजूद सिर्फ 303 ही हैं।
50 फीसद वेंटिलेटर ओटी-पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में
अस्पतालों में मौजूद कुल 303 वेंटिलेटर में से सभी कॉमन मरीजों के लिए नहीं हैं। इसमें से 50 फीसद वेंटिलेटर संस्थानों की ओटी व पोस्ट-ऑपरेटिव वार्ड में लगे हैं। इन पर ऑपरेशन के मरीज ही भर्ती किए जाते हैं।
केजीएमयू पर झूठा शपथ पत्र देने का आरोप
12 को वेंटिलेटर की उपलब्धता पर हुई सुनवाई से केजीएमयू में हड़कंप है। दरअसल, याचिकाकर्ता ने केजीएमयू प्रशासन पर झूठा शपथ पत्र कोर्ट में लगाने का आरोप लगाया है। दावा किया गया कि वर्ष 2016 में संस्थान प्रशासन ने कोर्ट में 159 वेंटिलेटर संचालन का दावा किया। वहीं हकीकत में 130 ही संचालित थे।
आरआइसीयू शिफ्टिंग भी फंसा
याचिकाकर्ता ने ट्रॉमा सेंटर में संचालित आरआइसीयू की शताब्दी शिफ्टिंग पर भी सवाल उठाया। इसमें कहा गया कि आरआइसीयू में अतिगंभीर मरीज भर्ती होते हैं। ट्रॉमा में इन मरीजों को आवश्यकता पडऩे पर 24 घंटे विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञ उपलब्ध हो जाते हैं। वहीं ट्रॉमा सेंटर से दूसरी जगह शिफ्ट करने पर मरीजों को 24 घंटे विशेषज्ञ सुविधा नहीं मिल सकेगी।
अस्पताल कुल बेड वेंटिलेटर
केजीएमयू 4400 159
एसजीपीजीआइ 1200 94
लोहिया संस्थान 350 27
मातृ-शिशु रेफरल 200 14
बलरामपुर 776 04
सिविल 401 --
लोहिया अस्पताल 467 05
लोकबंधु अस्पताल 100 --
बीआरडी 100 --
आरएलबी 110 --
डफरिन 326 --
झलकारी 82 --
ठाकुरगंज अस्पताल 200 --
क्या कहते हैं केजीएमयू वीसी ?
केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट का कहना है कि वेंटिलेटर को लेकर झूठा शपथ पत्र नहीं दिया गया। कुछ वेंटिलेटर बीच में खराब हो गए थे। वहीं आरआइसीयू शिफ्टिंग की तिथि 15 अप्रैल तय की गई थी। यह अभी शिफ्ट नहीं किया जाएगा। कोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसका अनुपालन किया जाएगा।