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Lucknow: बिजली विभाग ने पुराने लखनऊ में तारों का मकड़जाल किया खत्म, दुकानदार बोले-अब मिली राहत

पुराने लखनऊ में तारों का मकड़जाल खत्म होना शुरू हो गया है। इससे लोगों को राहत मिली है। गोल दरवाजे के पास दशकों से तारों का मकड़जाल फैला था। अब ओवर हेड लाइनों को भूमिगत करने की प्रकिया को पूरा किया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaPublished: Wed, 05 Oct 2022 10:25 AM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 10:25 AM (IST)
Lucknow: बिजली विभाग ने पुराने लखनऊ में तारों का मकड़जाल किया खत्म, दुकानदार बोले-अब मिली राहत
पुराने लखनऊ में तारों का मकड़जाल खत्म।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। पुराने लखनऊ में तारों का मकड़जाल खत्म करने के लिए बिजली विभाग ने प्रयास तेज कर दिए हैं। गोल दरवाजे के पास एक समय तारों का मकड़जाल फैला हुआ था, उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। चौक खंड के अंतर्गत आने वाले गोल दरवाजा सर्राफा बाजार में आए दिन शार्ट सर्किट से आग लगती थी।

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भूमिगत लाइनों का जाल बिछने से यह समस्या पूरी तरह से बिजली विभाग ने खत्म कर दी है। दुकानों के बाहर फैले तारों से आए दिन फाल्ट आते थे, इससे बिजली विभाग को शट डाउन लेकर मरम्मत करने के कारण घंटों बिजली बंद रहती थी। इससे व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी।

व्यापारी नेता विनोद महेश्वरी ने बताया कि तारों का मकड़जाल होने के कारण आए दिन बिजली संकट होता था। गर्मियों में बिजली एक फाल्ट हो जाने पर घंटों के लिए चली जाती थी, इससे व्यापार पूरी तरह से प्रभावित होता था। भूमिगत लाइन हो जाने के बाद व्यापारियों को बेहतर बिजली मिल सकेगी। स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि ट्रांसफार्मर भी भूमिगत करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे फाल्ट कम होंगे।

दुकानों के ऊपर तार होने से शटर बंद करने और खोलने के दौरान बिजली के तार कट जाते थे और करंट भी आता था। अब यह समस्या खत्म हो गई है। अब वही तार दुकानों के बाहर दिख रहे हैं, जो सर्विस केबल है, जिनसे कनेक्शन गया है। चौक के गोल दरवाजा के बाहर ही तारों का मकड़जाल स्वागत करता दिखता था।

सर्राफे की सबसे पुराने बाजारों में है गोल दरवाजा बाजार

चौक की गोल दरवाजा सर्राफा बाजार शहर की पुरानी बाजार है। सहालगों में शहर के अधिकांश लोग यहीं से खरीदारी करते हैं। बिजली तारों का मकड़जाल होने के कारण आए दिन आग लगती थी, सकरी गलियां होने से अग्निशमन की गाड़ियां नहीं पहुंच पाती थी। अब भूमिगत लाइन होने से आग लगने की घटना करीब-करीब खत्म हो गई। वहीं तारों के न लटकने से बंदरों का आंतक भी पहले से कम होगा।


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