हरे पेड़ों के 'कत्ल' पर DM ने DFO से रिपोर्ट की तलब Lucknow News
झूठी रिपोर्ट पर सख्ती एक दर्जन हरे पेड़ों को रोगग्रस्त बनाकर काट दिया गया था। लोगों ने वन विभाग पर ठेकेदार से मिलीभगत का लगाया आरोप।
लखनऊ, जेएनएन। सरोजनीनगर में अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से एक दर्जन हरे पेड़ों को रोगग्रस्त बताकर 'कत्ल' करने के मामले को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट डीएफओ से मांगी है।
सरोजनीनगर के गौरी में उद्यान विभाग के अफसरों ने ठेकेदार पर मेहरबानी करते हुए हरे और स्वस्थ्य पेड़ों को रोगग्रस्त बता कर उन्हें काटने की परमिट जारी करने की संस्तुति कर दी। क्षेत्रीय लोगों ने भी पेड़ों को काटने पर विरोध जताते हुए वन विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। गुरुवार को दैनिक जागरण ने इस खबर की हकीकत से पर्दा उठाया था।
दरअसल, हरे पेड़ों को काटने में आने वाली अड़चन को दूर करने के लिए उद्यान विभाग और वन विभाग ने झूठी रिपोर्ट का सहारा लिया था। यह पेड़ पेट्रोल पंप बनने कीराह में रोड़ा बन रहे थे, इसलिए फर्जी रिपोर्ट में हरे पेड़ों को रोगी और उसमें कीड़े होने का जिक्र किया गया था। जबकि, हकीकत यह थी कि उन्हें काटने और गिराने में मशीन की मदद ली गई थी और जेसीबी तक को पेड़ों को गिराने के लिए बुलाया गया था। मौके की हकीकत और रिपोर्ट के अंश ही विरोधाभासी थे। हरे पेड़ों के इस तरह काटे जाने से हर कोई नाराज था, लेकिन मामला प्रभावशाली व्यक्ति से जुड़ा होने के कारण कोई आवाज नहीं उठा पा रहा था। हरियाली पर आरा चलाने का यह खेल शनिवार से चल रहा है। मामला चर्चा में आने के बाद भी जिले के जिम्मेदार अफसरों ने कोई सुध नहीं ली और बुधवार तक सभी 12 पेड़ काट दिए गए थे। कोई निशानी न रह जाए, इसलिए मंगलवार रातभर जेसीबी से जड़ों को भी गायब कर दिया गया था। इस मामले में उद्यान और वन विभाग के अफसर अपने बचाव में गैर जिम्मेदाराना जवाब देते रहे थे।