LDA Plot Scam: ट्रांसपोर्टनगर योजना में फर्जीवाड़ा की जांच शुरू, भूखंडों को फ्रीहोल्ड कराने पर लगी रोक
Lucknow Development Authority ट्रांसपोर्टनगर के भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत वर्ष 2020 में की गई थी। लविप्रा ने ऐसे 80 भूखंडों की सूची जारी की और एफआइआर दर्ज करायी। खास बात यह है कि इस मामले में जिन्हें जांच सौंपी गई उन पर ही आरोप लगे।
Lucknow Development Authority: लखनऊ, [निशांत यादव]। लविप्रा के बाबूओं और अफसरों की मिलीभगत से कई करोड़ रुपये के ट्रांसपोर्टनगर भूखंड घोटाले की जांच आखिरकार शुरू हो गई है। ट्रांसपोर्टनगर की लीज को फ्री होल्ड कराने की प्रक्रिया को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। सभी भूखंडों की रजिस्ट्री की जांच के लिए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी सात दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि इस जांच के बाद फर्जी रजिस्ट्री के एक बड़े फर्जीवाड़े का सच सामने आ सकेगा।
एक भूखंड की रजिस्ट्री तीन बारः लविप्रा ने 90 वर्ष की लीज पर ट्रांसपोर्टनगर में 1250 भूखंड आवंटित किये थे। इन भूखंडों को फ्री होल्ड कराने की मांग वर्षों से हो रही थी। फ्रीहोल्ड कराने के लिए तत्कालीन लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने एक कमेटी बनायी थी। कमेटी की संस्तुति के आधार पर फ्रीहोल्ड की प्रक्रिया के लिए 90 भूखंडों के दस्तावेज के साथ उनकी फाइल तैयार हो गयी। इस बीच एक आवंटी ने लविप्रा उपाध्यक्ष को यहां भूखंडों के फर्जीवाड़े के कुछ साक्ष्य दिखाये। एक भूखंड की रजिस्ट्री तीन-तीन बार की गई थी। ऐसे कई मामले सामने आने पर लविप्रा उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी 1250 भूखंडों की रजिस्ट्री की जांच के आदेश दे दिए हैं।
मूल पत्रावलियां गायबः लविप्रा की समिति ने शनिवार को जब जांच शुरू की तो पता चला कि कई भूखंडों की मूल पत्रावलियां तक गायब हैं। जिन भूखंडों की फाइलें मिली हैं, उनकी रजिस्ट्री के साथ आवंटियों को बुलाया गया है। ऐसे में फर्जी रजिस्ट्री वाले आवंटी भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचने लगे हैं।
2020 में हुई फर्जी रजिस्ट्री की शिकायतः ट्रांसपोर्टनगर के भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत वर्ष 2020 में की गई थी। लविप्रा ने ऐसे 80 भूखंडों की सूची जारी की और एफआइआर दर्ज करायी। जांच लविप्रा के जिन जिम्मेदार लोगों को सौंपी गई, उन पर ही इस फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप है।
ट्रांसपोर्टनगर योजना में कुछ फजीवाड़े की शिकायत मिली थी। जो साक्ष्य मिले उनकी जांच करने के बाद फ्रीहोल्ड की प्रक्रिया रोक दी गई है। जांच समिति सात दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। -डा. इंद्रमणि त्रिपाठीउपाध्यक्ष लविप्रा