लखनऊ कंट्रोल रूम से होगी कानपुर-आगरा मेट्रो पर निगरानी, 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य
लखनऊ में मेट्रो की मॉनीटरिंग के लिए ट्रांसपोर्ट नगर स्थित डिपो में बैकअप कंट्रोल रूम काम कर रहा है। कंट्रोल रूम मेट्रो के भीतर से लेकर ट्रैक की निगरानी करने तक की क्षमता रखता है।
लखनऊ [अंशू दीक्षित]। कानपुर और आगरा मेट्रो में क्या हो रहा है, उसके रूट में कोई गड़बड़ी तो नहीं है, यह सारी जानकारी लखनऊ में बैठा स्टाफ जान सकेगा। मेट्रो के अधिकारी मॉनीटरिंग के साथ ही जरूरी निर्देश भी दे सकेंगे। इसे संभव करने के लिए सहकारिता भवन के पास ऑपरेशन कंट्रोल रूम बनाने का काम शुरू कर दिया गया है, जिसे दिसंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कई मंजिला यह कंट्रोल रूम हाईटेक होगा। उद्देश्य होगा कि यूपी के जिन शहरों में मेट्रो का संचालन हो, उन पर लखनऊ से ही नजर रखी जा सके। इसलिए समय-समय पर इसका विस्तार होता रहेगा। लखनऊ में मेट्रो की मॉनीटरिंग के लिए ट्रांसपोर्ट नगर स्थित डिपो में बैकअप कंट्रोल रूम काम कर रहा है। यह कंट्रोल रूम मेट्रो के भीतर से लेकर ट्रैक की निगरानी करने तक की क्षमता रखता है। यही नहीं, यात्री की हर गतिविधि पर कंट्रोल रूम में बैठे कर्मी की नजर होती है।
सैकड़ों सीसी कैमरों से लैस मेट्रो स्टेशनों को कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है, ताकि सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न हो। लखनऊ मेट्रो सुरक्षा दृष्टिकोण से भी आधुनिक है। लखनऊ मेट्रो ने चंद वर्ष पहले बैकअप कंट्रोल सेंटर (बीसीसी) बनवाकर मेट्रो का संचालन तो शुरू करा दिया, पर अब लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) सहकारिता भवन के पास ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) बनवाने जा रहा है।
इस ओसीसी से नार्थ साउथ कॉरिडोर व ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के सभी भूमिगत व एलिवेटेड स्टेशन पर नजर रखी जा सकेगी। जब तक ओसीसी नहीं बनता, तब तक बीसीसी के जिम्मे मेट्रो संचालन की जिम्मेदारी होगी। ओसीसी के निर्माण होते ही बैकअप कंट्रोल सेंटर विकल्प के रूप में काम करेगा, यानी अगर ओसीसी में गड़बड़ी आती है, तभी इसकी मदद ली जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के 21 स्टेशनों का संचालन पहले होगा फिर ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में बनने वाले 11 स्टेशन भी ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर से ही संचालित होंगे। लखनऊ मेट्रो की मंशा है कि यूपी में चलने वाली सभी मेट्रो ओसीसी से कनेक्ट रहें। हालांकि, हर जिले में लखनऊ मेट्रो कंट्रोल रूम बनाएगा, लेकिन विकल्प व मुख्यालय होने के कारण लखनऊ में भी मुख्य कंट्रोल रूम होगा।
तीन पालियों में होगा काम
मेट्रो का संचालन रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेगा, लेकिन कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करता रहेगा। कंट्रोल रूम सेंटर में तीन पालियों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यहां एक चीफ कंट्रोलर, एक ट्रैफिक कंट्रोलर मिलाकर कुल सात कर्मचारी एक पाली में होंगे।
1090 से कनेक्ट होगा कंट्रोल रूम
लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन आने वाले समय में 1090 को भी कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। उद्देश्य है कि महिला यात्रियों की सुरक्षा सवरेपरि हो। अभी मेट्रो फोन करके मामलों की जानकारी 1090 पर देता है।
कंट्रोल रूम में हैं ये खूबियां
- ट्रैक पर कोई फाल्ट होगा तो उसका पता चल सकेगा
- सीसी कैमरे से पूरी तरह से नजर रखी जा सकेगी
- सात दिन की रिकॉर्डिग की व्यवस्था होगी
- ट्रेन ऑपरेटर से कंट्रोल रूम में बैठा कंट्रोलर सीधे बात कर सकेगा
- कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति ट्रेन कोड के आधार पर ट्रेन गतिविधि पर रख सकेगा नजर
- कंट्रोल रूम से स्टेशन पर बैठे कर्मचारी व जरूरत पड़ने पर यात्री से बात कर सकेगा
क्या कहते हैं अफसर?
मध्यांचल प्रबंध निदेशक कुमार केशव का कहना है कि जिन जिलों में मेट्रो चलेगी, वहां कंट्रोल रूम बनेगा। इसके अलावा मुख्यालय होने के कारण ऑपरेशन कंट्रोल रूम से सारे जिलों के मेट्रो का नेटवर्क कनेक्ट करने की योजना है, जिससे लखनऊ में मॉनीटरिंग की जा सके और संचालन बेहतर हो। इसके लिए योजना बना ली गई है।