Lucknow Building Collapse: मुख्तार के करीबी के साथ अलाया अपार्टमेंट की कुंडली, सख्ती के बाद नहीं मिल सकी फाइल
दो बार जिस अवैध अलाया अपार्टमेंट का नक्शा निरस्त किया गया था उसकी फाइल अब तक लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को ढूंढे नहीं मिल रही है। अलाया अपार्टमेंट के नक्शे को निरस्त करने की फाइल लविप्रा के ही एक बाबू के पास है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता: दो बार जिस अवैध अलाया अपार्टमेंट का नक्शा निरस्त किया गया था, उसकी फाइल अब तक लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को ढूंढे नहीं मिल रही है। अलाया अपार्टमेंट के नक्शे को निरस्त करने की फाइल लविप्रा के ही एक बाबू के पास है। यह बाबू पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी है और वर्ष 2009 से 2010 के बीच लविप्रा के मानचित्र सेल में तैनात था।
वर्ष 2009 में अलाया अपार्टमेंट का नक्शा निरस्त किया गया था। इसके बाद भी बिल्डर फहद याजदान ने पांच मंजिला अवैध अपार्टमेंट का निर्माण कर लिया था। पांच मंजिला अवैध निर्माण करने के बाद शमन मानचित्र जमा कराया गया था। शमन मानचित्र भी वर्ष 2010 में निरस्त कर दिया गया था।
अगस्त 2010 में इस बिल्डिंग को तोड़ने के आदेश दिए गए थे। इससे कुछ दिन पहले ही एक शिकायत के बाद लविप्रा के उस समय के अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद स्थलीय निरीक्षण कर केवल प्रथम तल तक की फोटो लगाकर फर्जी रिपोर्ट लगायी गई थी।
यह सब कुछ मानचित्र सेल में तैनात एक बाबू की मिलीभगत से भी हाेता रहा। इस बाबू के पास ही आखिरी बार अलाया अपार्टमेंट से जुड़ी फाइल की लोकेशन मिली है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी इस बाबू को यहां से हटाया गया था। फाइल की लोकेशन मिलने के बाद अब इस बाबू पर एफआईआर कराने की भी तैयारी है।