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Lucknow Bomb Blast Conspiracy: बांग्लादेशी आतंकी संगठन के संपर्क में था PFI कमांडर बदरुद्दीन

Lucknow Bomb Blast Conspiracy एटीएस को दोनों आरोपितों की मिली सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड। सूत्रों का कहना है कि जेएमबी के सक्रिय सदस्यों की मदद से उन्होंने विस्फोटक का बंदोबस्त किया था और इसका इस्तेमाल देश के अलग-अलग हिस्सों में करने का षड्यंत्र था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 08:10 AM (IST)
एसटीएफ ने दोनों आरोपितों को एटीएस को सौंपा, आइबी ने भी की पूछताछ।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। देश को दहलाने की साजिश के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के कमांडर अन्सद बदरुद्दीन व ट्रेनर फिरोज खान से पूछताछ में कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं। दोनों बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमातउल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के सीधे संपर्क में थे और दोनों लखनऊ आने से पहले बीते दिनों बांग्लादेश भी गए थे। सूत्रों का कहना है कि जेएमबी के सक्रिय सदस्यों की मदद से उन्होंने विस्फोटक का बंदोबस्त किया था और इसका इस्तेमाल देश के अलग-अलग हिस्सों में करने का षड्यंत्र था। इन तथ्यों के सामने आने के बाद जांच एजेंसियां अब यूपी में दोनों के संपर्क में रहे पीएफआइ के अन्य सक्रिय सदस्यों के बारे में छानबीन कर रही हैं। दोनों आरोपितों से मंगलवार रात आइबी के अधिकारियों ने भी लंबी पूछताछ की और सामने आए तथ्यों की जानकारी गृह मंत्रालय को भी दी है। जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

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एसटीएफ ने दोनों आरोपितों को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के सिपुर्द कर दिया है। एटीएस ने उन पर विधि विरुद्ध क्रियाकलप (निवारण) अधिनियम, आयु अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक षड्यंत्र व आपराधिक बल का प्रयोग कर आतंकित करने के षड्यंत्र की धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। एटीएस ने कड़ी सुरक्षा में दोनों को बुधवार दोपहर लखनऊ स्थित एडीजे कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया। एटीएस अधिकारियों के अनुसार कोर्ट ने दोनों आरोपितों की गुरुवार सुबह 10 बजे से सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। एटीएस व अन्य एजेंसियां अब उनसे नए सिरे से पूछताछ करेंगी। माना जा रहा है कि केरल से पकड़े गए सीएफआइ के राष्ट्रीय महासचिव रऊफ से उनका आमना-सामना भी कराया जा सकता है।

एक अधिकारी के अनुसार दोनों आरोपितों के लखनऊ, बहराइच, मुजफ्फरनगर, शामली, बाराबंकी, मेरठ व कुछ अन्य जिलों में पीएफआइ व सीएफआइ के सदस्यों के सीधे संपर्क में होने की बात भी सामने आई है, जिसके बाद एसटीएफ व एटीएस की टीमों को कई जिलों में सक्रिय कर दिया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन द्वारा इन शहरों में 25-25 युवकों तक के ग्रुप बनाए गए हैं, जिन्हें हिट स्क्वायड का नाम दिया गया है। इन युवकों को हथियार चलाने के साथ पेट्रोल बम बनाने व आगजनी करने की ट्रेङ्क्षनग दी जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि दोनों 11 फरवरी को ही लखनऊ आ गए थे। दोनों ने 11 फरवरी को बिहार के कटिहार से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक का टिकट लिया था। उनके साथ पांच अन्य सदस्य भी यात्रा कर रहे थे। एसटीएफ की टीम ने जब मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में उन्हें खोजने की कोशिश की तो उनको पुलिस की भनक लग गई थी और दोनों भाग निकले थे। एसटीएफ ने मंगलवार शाम दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर वसंत पंचमी के आसपास लखनऊ में होने वाले ङ्क्षहदू संगठनों के कार्यक्रमों व महत्वपूर्ण स्थलों पर आतंकी हमलों की बड़ी साजिश को नाकाम किया था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया था कि गिरफ्त में आए दोनों आतंकी देश के विभिन्न हिस्सों में एक साथ आतंकी हमले की साजिश कर रहे थे।

गुडंबा में लिया था कमरा

बदरुद्दीन और फिरोज ने लखनऊ आकर अपने साथियों से संपर्क किया था। दोनों से पूछताछ में एसटीएफ को उनके गुडंबा क्षेत्र में किराये पर एक कमरा लेने की जानकारी भी मिली है। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक अभी उस मकान को चिन्हित नहीं किया जा सका है।


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