CRRI की रिपोर्ट: लखनऊ का ऐशबाग फ्लाईओवर खतरनाक घोषित, अब भारी वाहन प्रतिबंधित
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की टीम ने सौंपी जांच रिपोर्ट। फ्लाईओवर में कई खामियां, ट्रैफिक को सीमित करने की सिफारिश।
लखनऊ, अजय श्रीवास्तव। ऐशबाग फ्लाईओवर को खतरनाक घोषित कर दिया गया। शहर के पुराने रेलवे ओवर ब्रिज में शामिल ऐशबाग फ्लाईओवर पर मंडराते खतरे की रिपोर्ट नई दिल्ली से आई केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों की टीम ने दी है। छह सितंबर की जांच रिपोर्ट में टीम ने पियर में दरार समेत पुल में कई खामियों को इंगित किया है। जांच दल ने कहा है कि अगर पुल पर भारी वाहन नहीं रोके गए तो जनसुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। फ्लाईओवर पर ट्रैफिक को सीमित रखने को कहा गया है। अब पुल पर भारी वाहन तब ही चल सकेंगे, जब मरम्मत के बाद केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान हरी झंडी देगा। जांच टीम में रेलवे और लोकनिर्माण विभाग के भी विशेषज्ञ शामिल थे।
अब इस रिपोर्ट के बाद लोकनिर्माण विभाग (मध्य क्षेत्र) के मुख्य अभियंता पंकज बकाया ने मंडलायुक्त से ऐशबाग फ्लाईओवर पर आवागमन सीमित रखने और भारी वाहनों को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है।
जांच टीम में शामिल विशेषज्ञ
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. लक्ष्मी परमेश्वरन और वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजीव गोयल के साथ लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक कनौजिया व संजय गुप्ता, सेतु निगम के सहायक अभियंता राजीव खांडेलवाल व मानक श्रीवास्तव और रेलवे के इंजीनियर अशोक श्रीवास्तव जांच दल में शामिल थे।
टीम ने दिए सुझाव
- फ्लाईओवर के पियर कैप में आ रही दरारों को देखते हुए तत्काल प्रभाव से भारी यातायात के आवागमन को सीमित रखा जाए।
- केवल एलएमवी (हल्के वाहन) का आवागमन ही रखा जाए। सुरक्षा की रिपोर्ट आने तक भारी वाहनों को पूरी। तरह प्रतिबंधित रखा जाए।
- वैकल्पिक मार्ग के रूप में नाका चौराहे से सीतापुर सिटी ब्रांच मार्ग द्वारा चारबाग तिराहा होते हुए मवैया मिल रोड एवरेडी तिराहा से तुलसीदास मार्ग द्वारा हैदरगंज का उपयोग किया जा सकता है।
रिपोर्ट के महत्वपूर्ण तथ्य
- फ्लाईओवर की पियर संख्या तीन में वर्टिकल दरार आ गई हैं।
- पियर संख्या तीन में हीकंक्रीट एवं रेनफोर्समेंट (सरिया) में जंग का प्रतिशत अधिक पाया गया है।
- पियर कैप ( जहां बीम रखी जाती है) में दरारें आ गई है। इसमें भी रेनफोर्समेंट (सरिया) में जंग लगी पाई गई।
- पियर संख्या आठ और नौ में भी सुधार की आवश्यकता है।
बड़ी आबादी की जरूरत है फ्लाईओवर
नाका से ऐशबाग, हैदरगंज राजाजीपुरम, मोहान रोड समेत कई इलाकों को यह फ्लाईओवर जोड़ता है। आसपास के इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियां होने और ऐशबाग आरा मशीनें होने से फ्लाईओवर पर भारी वाहनों का भी आवागमन बहुत होता है। इसके अलावा सचिवालय समेत हजरतगंज व आसपास के इलाकों में नौकरी करने आने वाले भी इसी फ्लाईओवर का उपयोग करते हैं। करीब तीन दशक पहले फ्लाई ओवर का निर्माण कराया गया था और हर दिन पचास हजार से अधिक लोग उपयोग करते हैं।