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LU Convocation Ceremony: दीक्षा समारोह के कैनवास पर उकेरेंगे भारतीय परंपरा के चित्र, 15 मेधावियों को मिलेंगे पदक

LU Convocation Ceremony सभी मेधावी परंपरागत परिधानों में आएंगे नजर। छात्र पगड़ी और परंपरागत वेशभूषा में और छात्राएं साड़ी में नजर आ सकती हैं। जिससे दीक्षा समारोह 100 वें साल में एक नया इतिहास दर्ज कर देंगा।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:10 AM (IST)
LU Convocation Ceremony: दीक्षा समारोह के कैनवास पर उकेरेंगे भारतीय परंपरा के चित्र, 15 मेधावियों को मिलेंगे पदक
LU Convocation Ceremony : सभी मेधावी परंपरागत परिधानों में आएंगे नजर।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय पहले ही दीक्षा समारोह के दौरान विदेशी परंपराओं से मुक्ति पा चुका है मगर 100 वें साल में इसको और अधिक सख्ती से अपनाया जाएगा। 15 मेधावियों को इस दौरान पदकों से नवाजा जाएगा। मगर कन्वोकेशन वाला अंग्रेजी हैट नदारद होगा। छात्र पगड़ी और परंपरागत वेशभूषा में और छात्राएं साड़ी में नजर आ सकती हैं। जिससे दीक्षा समारोह 100 वें साल में एक नया इतिहास दर्ज कर देंगा।

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दीक्षा समारोह स्थापना दिवस समारोह के दौरान 21 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। कोरोना को देखते हुए कार्यक्रम को संक्षिप्त किया जा रहा है। केवल 15 पदक ही वितरित किए जाएंगे। मगर इस दौरान कार्यक्रम को सुरुचिपूर्ण बनाने की पूरी तैयारी भी की जा रही है। जिसमें सबसे अधिक ख्याल भारतीय परंपराओं का रखा जाएगा। इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और उप्र के पूर्व राज्यपाल राम नाइक ने भी निर्देशित किया था कि दीक्षा समारोहों के दौरान भारतीय परिधानों को ही मेधावी और मौजूद लोग पहनें जिससे हम सदियों की गुलामी को पीछे छोड़ सकेंगे।

किसी को बनना है फौजी अफसर कोई बनेगा आइएएस, कोई मिलिट्री में एडवोकेट जनरल

दीक्षा समारोह के प्रमुख तीन पदक विजेताओं के बड़े बड़े सपने हैं। सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का चांसलर मेडल पाने वाले शिवांश मिश्र को आइएएस अधिकारी बनना है। बेस्ट एनसीसी कैडेट चुनी गईं रैना शुक्ला को भारतीय सेना में कमीशन आफिसर बनना है। वहीं श्रेष्ठ सामाजिक कार्यों के लिए पदक पाने वालीं तेजस्विनी बाजपेई को सेना में जज एडवोकेट जनरल बनना है। तीनों ही अलग अलग क्षेत्रों में देश सेवा करना चाहते हैं।

शिवांश मिश्र को सर्वश्रेष्ठ छात्र का कुलाधिपति गोल्ड मेडल दिया जाएगा। उनके अलावा बेस्ट एनसीसी कैडेट के तौर पर रैना शुक्ला को कुलपति स्वर्ण पदक से नवाजा जाएगा। जबकि चक्रवर्ती स्वर्ण पदाक लॉकडाउन के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाली तेजस्विनी बाजपेई को दिया जाएगा।

विजेता सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का चांसलर मेडल शिवांश मिश्र बताते हैं कि मैं अपनी खुशी बता नहीं सकता हं। राजनीति शास्त्र ऑनर्स में में बीए अंतिम वर्ष का छात्र हूं। आगे प्रशासनिक सेवा में आने के लिए तैयारी करूंगा। ताकि आइएएस बन कर देश सेवा कर सकूं। मैं फिलहाल परास्नातक नहीं करूंगा केवल तैयारी करूंगा।

विजेता बेस्ट एनसीसी कैडेट रैना शुक्ला के मुताबिक, देश सेवा ही मेरा धर्म है। इसी इच्छा से मैं एनसीसी में आई थी। आर्मी की 69 बटालियन में मैं सीनियर अंडर आफिसर हूं। ताइक्वांडो में अनेक पदक जीते हैं। भविष्य में आर्मी में कमीशन आफिसर बनना चाहती हूं।

विजेता श्रेष्ठ सामाजिक कार्यों के लिए पदक तेजस्विनी बाजपेई का कहना है कि मैं एलएलबी ऑनर्स की छात्रा हूं। मेरे लिए जीवन के सबसे बड़ी खुशी का क्षण है। मेरा सपना सेना में जज एडवोकेट जनरल बनने का है। जिसको मैं हर हाल में पूरा करूंगी। मैंने लॉकडान में जररूतमंदों की मदद करने की हर संभव कोशिश की है।


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