Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024: आखिरी चरण में प्रतिष्ठा की लड़ाई, यूपी की इन दो हाईप्रोफाइल सीटों पर ट‍िकी देश-दुन‍िया की न‍िगाहें

लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण में वाराणसी व गोरखपुर सहित कुल 13 सीटों पर चुनाव होना है। 2019 में भाजपा के पास नौ बसपा व अपना दल के पास दो-दो सीटें थीं। इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा 10 अपना दल दो व सुभासपा एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं आईएनडीआईए में सपा नौ व कांग्रेस चार सीटों पर किस्मत आजमा रही है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Tue, 28 May 2024 11:37 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: आखिरी चरण में प्रतिष्ठा की लड़ाई, यूपी की इन दो हाईप्रोफाइल सीटों पर ट‍िकी देश-दुन‍िया की न‍िगाहें
पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान एक जून को होना है।

शोभि‍त श्रीवास्‍तव, लखनऊ। 65 में 52 विस सीटें राजग के पास अंतिम चरण की 13 लोकसभा क्षेत्रों में आने वाली 65 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा व उसके सहयोगी दलों के पास 52 सीटें हैं। सपा व कांग्रेस के खाते में मात्र 12 सीटें हैं, जबकि बसपा के पास पूरे प्रदेश में जो एक मात्र सीट है वह बलिया की रसड़ा है। गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव व राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां की सभी पांच की पांच विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं।

पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान एक जून को होना है। इस चरण में देश-दुनिया की निगाहें लगी हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से हैट ट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं। आईएनडीआईए से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय लगातार चौथी बार वाराणसी सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। पांच विधानसभा सीटों में चार भाजपा व एक अपना दल के पास है। इसी चरण में गोरखपुर का भी चुनाव है। यह सीट 1989 से गोरक्ष पीठ के पास है।

योगी आद‍ित्‍यनाथ लगातार पांच बार रहे सांसद

खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्ष 1998 से 2014 तक लगातार पांच बार सांसद रहे। केवल 2018 के उपचुनाव में यह सीट सपा ने भाजपा से छीन ली थी। यह उपचुनाव योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके त्यागपत्र से रिक्त हुई सीट पर हुआ था। प्रवीण निषाद यहां से पहली बार सांसद बने थे। हालांकि, 2019 के चुनाव में वह भाजपा में चले गए और वह संतकबीर नगर से सांसद बने। यहां भाजपा से लगातार दूसरी बार रवींद्र शुक्ला उर्फ रवि किशन मैदान में हैं। उनका मुकाबला सपा की काजल निषाद करेंगी।

इस लोकसभा क्षेत्र की पांचों विस सीटों पर कमल खिला है। महाराजगंज में भी भाजपा प्रत्याशी पंकज चौधरी हैट ट्रिक के लिए उतरे हैं। कांग्रेस ने यहां फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी को टिकट दिया है। यहां की विस सीटों में भाजपा के पास तीन, कांग्रेस व निषाद पार्टी के पास एक-एक सीट है। कुशीनगर से भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार दुबे व सपा से अजय प्रताप सिंह मैदान में हैं।

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी यहां किस्मत आजमा रहे हैं। विस सीटों में चार में भाजपा व एक में निषाद पार्टी का कब्जा है। देवरिया में भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी मैदान में हैं जबकि यह सीट भी गठबंधन में कांग्रेस के पास है। यहां से अखिलेश प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2014 व 2019 में भी यह सीट भाजपा के पास ही थी। यह सीट इसलिए भी कमल के लिए मजबूत है क्योंकि यहां की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है।

बांसगांव लोकसभा सीट की भी लड़ाई इस बार रोचक है। यहां पर भाजपा के कमलेश पासवान लगातार तीन बार जीतने के बाद चौथी बार मैदान में हैं। कांग्रेस ने सदल प्रसाद को टिकट दिया है। सदल प्रसाद 2019 में भी बसपा व सपा गठबंधन से चुनाव लड़े थे। यह सीट भी भाजपा के लिहाज से मजबूत है। यहां भी पांचों विधायक भाजपा के हैं। घोसी सीट भाजपा ने गठबंधन के सहयोगी सुभासपा को दी है। यहां से सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर लड़ रहे हैं।

सपा ने राजीव राय को मैदान में उतारा है। 2019 में बसपा जीती थी। बसपा ने बालकृष्ण चौहान को उतारा है। पांच विस सीटों में सपा दो, भाजपा, सुभासपा व बसपा के पास एक-एक सीट है। सलेमपुर सीट से भाजपा के रवीन्द्र कुशवाहा हैट ट्रिक लगाने के लिए तीसरी बार उतरे हैं। सपा ने यहां रमाशंकर राजभर को टिकट दिया है। पांच विस सीटों में भाजपा के पास तीन, सपा व सुभासपा के पास एक-एक सीट है। बलिया सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर मैदान में हैं तो सपा ने सनातन पांडेय पर भरोसा जताया है। यहां की पांच सीटों में से तीन सपा के पास हैं।

भाजपा व सुभासपा के पास एक-एक सीट है। गाजीपुर सीट का चुनाव भी इस बार अहम है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले बार वह यहां बसपा से सांसद बने थे। इस बार भाजपा ने पारस नाथ राय व बसपा ने उमेश सिंह को टिकट दिया है। यहां चार सीटों पर सपा के विधायक हैं जबकि एक सीट सुभासपा के पास है। चंदौली में केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय हैट ट्रिक लगाने के लिए उतरे हैं। सपा ने वीरेन्द्र सिंह को उतारा है। पांचों सीटों में से चार में भाजपा व एक सपा के पास है। मीरजापुर व राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को दी है। मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल भी हैट ट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं।

सपा ने भाजपा के भदोही के सांसद रमेश बिंद को टिकट दिया है। यहां की पांच विस सीटों में तीन पर भाजपा, अपना दल व निषाद पार्टी के पास एक-एक है। राबर्ट्सगंज सीट पर अपना दल ने छानबे की विधायक रिंकी कोल को टिकट दिया है। सपा ने भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2014 में खरवार भाजपा के टिकट से राबर्ट्सगंज से चुनाव जीते थे। यहां की पांचों विधानसभा में भाजपा का कब्जा है।

65 में 52 विस सीटें राजग के पास

अंतिम चरण की 13 लोकसभा क्षेत्रों में आने वाली 65 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा व उसके सहयोगी दलों के पास 52 सीटें हैं। सपा व कांग्रेस के खाते में मात्र 12 सीटें हैं, जबकि बसपा के पास पूरे प्रदेश में जो एक मात्र सीट है वह बलिया की रसड़ा है। गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव व राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां की सभी पांच की पांच विधानसभा सीटें भाजपा के पास हैं।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: राहुल-अखिलेश की आज तीन संयुक्त जनसभाएं, कुशीनगर, बांसगांव और वाराणसी में मांगेंगे वोट

यह भी पढ़ें: जय श्रीराम का नारा लगाकर नारद राय ने सपा छोड़ी, शाह से मिले; अखिलेश के नाम न लेने से थे नाराज