लोहिया अस्पताल में मरिजों के साथ खिलवाड़, यूरिन सैंपल लेने का निकाला अनोखा तरिका
पैथोलॉजी में मरीजों को यूरिन सैंपल कलेक्शन के लिए दिए रहे हैं डिस्पोजिबल ग्लास।
लखनऊ, जेएनएन। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां मरीजों के यूरिन की जांच के लिए डिस्पोजल ग्लास दिए जा रहे हैं। वहीं, मरीज सैंपल देने के बाद कागज में अपना नाम लिखकर डिस्पोजल ग्लास के नीचे दबाकर चले जाते हैं। खास बात यह है कि इस तरह से सैंपल लेने के चलते जांच रिपोर्ट बदलने का भी खतरा बना हुआ है। मरीजों को दी जाने वाली रिपोर्ट कितनी सही होगी इस पर बड़ा प्रश्न चिह्न है।
प्रतिदिन 200 से 250 मरीजों की यूरिन की होती है जांच
लोहिया अस्पताल में प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीजों की ओपीडी होती है। जिसमें प्रतिदिन 200 से 250 मरीजों की यूरिन की जांच होती है। मरीजों को यूरिन सैंपल लेने के लिए छोटे कंटेनर दिए जाने चाहिए, पर पैथोलॉजी में गत कुछ दिनों से मरीजों से यूरिन सैंपल चाय के छोटे डिस्पोजल ग्लास में लिए जा रहे हैं, जबकि अस्पताल में यूरिन कंटेनर मौजूद हैं।
क्या कहते हैं अफसर?
लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी का कहना है कि साधारण यूरिन की जांच के लिए कंटेनर की जरूरत नहीं होती है। केवल यूरिन कल्चर के लिए कंटेनर का इस्तेमाल होता है। हमारे यहां यूरिन बॉटल दी जाती थी। खत्म हो गई होगी, इसलिए डिस्पोजल ग्लास का इस्तेमाल हो रहा है।