Locust Group Attack: उत्तर प्रदेश में टिड्डी दल का कहर, रातभर जागने को मजबूर किसान
Locust Group Attack in UP कासगंज से बदायूं पहुंचा टिड्डियों का दल वहां से फिर बदायूं पहुंचा। रविवार को कासगंज से बदायूं पहुंचे टिड्डियों के दल को भगाया गया था।
लखनऊ, जेएनएन। टिड्डी दल की बदलती चाल और स्थान परिवर्तन के कारण उत्तर प्रदेश के लोग दहशत में हैं। अलीगढ़, बदायूं, श्रावस्ती, कासगंज तथा कानपुर देहात के पास के क्षेत्र में इसका कहर जारी है।
कासगंज से बदायूं पहुंचा टिड्डियों का दल वहां से भगाए जाने के बाद कासगंज से फिर बदायूं पहुंचा। रविवार को कासगंज से बदायूं पहुंचे टिड्डियों के दल को भगाया गया था। सोमवार सुबह कासगंज से टिड्डियों का एक दल फिर बदायूं जिले की सीमा में पहुंचा है। कछला क्षेत्र में टिड्डियों का दल पहुंच गया। इसके बाद टिड्डी दल बदायूं से अलीगढ़ की ओर बढ़ा। वहां पर ग्रामीणों ने शोर कर उसको बदायूं से भगाया।
अलीगढ़ में टिड्डी दल सोमवार को फिर आ गया। हरियाणा से जवां व गभाना क्षेत्र में प्रवेश किया। करीब आधा दर्जन गांवों में किसान व प्रशासनिक अधिकारी इन्हें भगाने में जुटे हुए हैं। दवा का छिड़काव किया जा रहा है। किसान थाली और ड्रम बजा रहे हैं।
आगरा के कादरगंज में रुका टिड्डी दल, रात भर दौड़ीं टीमें
आगरा जिले में कादरगंज क्षेत्र में रात में टिड्डी दल ने डेरा जमाया। यह दल खेतों में नहीं उतरा, बल्कि पेड़ों पर ही डेरा जमाए रहा। इसके बाद रात में ही दमकल के साथ में ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों से टिड्डियों पर स्प्रे भी किया गया। सुबह यह दल गंगा किनारे वापस अलीगढ़ की तरफ चल पड़ा। 10 बजे करीब दल कछला बदायूं जिले में पहुंचा, लेकिन हवा तेज होने के कारण यह बार-बार रास्ता बदल रहा है। अभी फिर से कासगंज में आ गया है। कृषि विभाग की टीम दल का पीछा कर रही है तथा माना जा रहा है कि या तो यह अलीगढ की सीमा में प्रवेश करेगा या फिर संभल जाएगा।
गोंडा से टिड्डियों का दल पड़ोस के जनपद बस्ती, अयोध्या व सिद्धार्थनगर पहुंच चुका है। इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि टिड्डियों का दल जनपद गोंडा में भी हमला कर सकता है। टिड्डी दलों के सम्भावित हमले से बचाव के दृष्टिगत कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। किसानों को टिड्डी दल के हमले से बचाव को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है। गोंडा में जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने कहा कि वर्तमान में किसानों के खेतों में बोई गई जायद की प्रमुख फसलों जैसे-मूंग, उड़द एवं हरी सब्जियों तथा गन्ना आदि फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाड़े अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहिये।
रायबरेली में हमला
रायबरेली में सोमवार को फतेहपुर की ओर से आए टिड्डी दल ने फसलों पर हमला बोल दिया। किसानों ने ने ढोल थाली, ताली, शंख आदि बजाकर टिड्डियों को भगाया। इसके बावजूद कुछ किसानों की लहलहाती फसल टिड्डी दल का शिकार हो गई। करीब 2 घंटे उत्पात मचाने के बाद टिड्डी दल उन्नाव सीमा की ओर निकल गया। आज पूरे लाल साहब व निशगर गांव के लोगों ने फतेहपुर जिले के आदमपुर के आसमान में टिड्डियों को आते हुए देखा तो हड़कंप मच गया। किसान ढोल थाली पीपा आज लेकर खेतों में डट गए और हो हल्ला कर वाद्य यंत्र बजाकर टिड्डी दल को भगाया। लेकिन गांव के उमाकांत शुक्ला के साथी फसल टिड्डियों ने चट कर डाली। इसके बाद टिड्डी दल ने अलीपुर गांव के अंबिका वर्मा का एक बीघा ढेंचा को निशाना। बनाया लेकिन किसानों की सतर्कता से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। भोजपुर के उदित मिश्रा का चारा उर्द वह मूंग की फसल पर भी टिड्डियों ने हमला बोला, लेकिन आंशिक नुकसान ही हुआ। राजापुर गांव के कल्लू वर्मा की उड़द मूंग की फसल को भी टिड्डियों ने नुकसान पहुंचाया उसके बाद उसुरू गांव के ऊपर से उन्नाव सीमा की ओर निकल गई। इस संबंध में उप कृषि निदेशक एचएन सिंह ने बताया कि कृषि विभाग की टीमें गांव में तैनात हैं किसानों को सतर्क कर दिया गया है कोई खास नुकसान नहीं हुआ है।
फीरोजाबाद में टिड्डी दल वापस लौटे, एक दल ने जसराना और दूसरे ने सिरसागंज के पिथनपुर में हमला बोला।कृषि विभाग की टीम दल का पीछा कर रही है
मिश्रिख के दशरथपुर में पहुंचा भटका टिड्डी दल, हुआ छिड़काव
सीतापुर पहुंचा हरदोई के प्रतापनगर आकर भले ही टिड्डी दल का रास्ता बदल गया, लेकिन 100 से 150 टिड्डिया भटककर मिश्रिख तहसील के दशरथपुर गांव पहुंच गईं। गांव के बाहर स्थित गन्ने के दो खेतों में टिड्डियां देखे जाने पर प्रगतिशील किसान कमलेश सिंह ने कृषि विभाग के कर्मियों को सूचना दी। पहले से ही सतर्क कृषि रक्षा इकाई व अन्य विभागों के जिम्मेदार सूचना पाकर गांव पहुंच गए। उपनिदेशक कृषि अरविंद कुमार मिश्र की अगुवाई में पहुंची टीम ने दवा का छिड़काव कराकर टिड्डियों को मार दिया।
एहतियात के तौर पर आसपास स्थित खेतों में भी स्प्रे कराया गया है। पड़ोसी गांव के ग्रामीणों को भी बचाव के उपाय बताए गए। उप निदेशक कृषि अरविंद मोहन मिश्रा का कहना है कि, करीब 150 टिड्डी दल रास्ता भटककर दशरथ गांव पहुंच गया था। अमूमन इतनी कम संख्या में ये कहीं भी नहीं आता है। ट्रैक्टर माउंटेड पावर स्प्रेयर से दवा छिड़काव के साथ ग्रामीणों को सावधान रहने की नसीहत दी गई। हरदोई जिले की सीमा से सटे गांव के ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। टिड्डी दल के हमले से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। किसान भी अपनी फसल की सुरक्षा में लगे हैं।