देसी इनोवेटर्स चले हैदराबाद
सोच को मंच, दो दिवसीय रूरल इनोवेटर्स स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 30 से, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उप्र के इनोवेशन सेल से नौ लोग रवाना
लखनऊ (दुर्गा शर्मा)। सोच किताबी ज्ञान नहीं मांगती। लगन हो तो अभावों में भी प्रभाव उपजता है। संसाधनों की कमी से जूझते हमारे देसी इनोवेटर्स हुनर के सफर पर निकल पड़े हैं। इनोवेशन और स्टार्ट-अप की यह यात्रा हैदराबाद पहुंचकर एक मुकाम हासिल करेगी। दरअसल, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार) की ओर से 'रूरल इनोवेटर्स स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव-2018' का आयोजन किया गया है। हैदराबाद में 30 अगस्त से शुरू दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीएसटी), उप्र से नौ इनोवेटर्स सोमवार को रवाना हुए।
कॉन्क्लेव में सात क्षेत्रों में काम करने वाले इनोवेटर्स को मौका मिला है। इसमें कृषि एवं इससे संबंधित उपकरण, ग्रीन एनर्जी, वेस्ट टू वेल्थ, सस्टेनेबल हाउसिंग, हेल्थ एंड एल्डर्स केयर, पेयजल एवं स्वच्छता और सस्टेनेबल लाइवलीहुड के क्षेत्र में इनोवेशन को शामिल किया गया है। मुख्य नवप्रवर्तन अधिकारी, सीएसटी उप्र आरडी गौड़ और नवप्रवर्तन अधिकारी संदीप द्विवेदी के नेतृत्व में उप्र के इनोवेटर्स अपनी सोच को सबके सामने रखेंगे। दिमाग इनका, भला सबका
शहर के सेंसरमैन
अवनि शुक्ला उर्फ जीतू, लखनऊ
सिक्योरिटी हेलमेट एवं चाइल्ड सेफ्टी डिवाइस।
शहर के 'सेंसरमैन' अवनि शुक्ला की शिक्षा का स्तर भले ही ऊंचा ना हो (10 वीं पास) पर हुनर की उड़ान कामयाबी का आसमान छूने को तैयार है। इनके द्वारा ऐसा हेलमेट तैयार किया गया है जो मोटरसाइकिल में लगे सेंसर्स के साथ जुड़ा रहता है। यदि चालक हेलमेट नहीं लगाता है तो बाइक स्टार्ट नहीं होगी। यदि चालक नशे की हालत में बाइक स्टार्ट करने की कोशिश करता है तो भी बाइक स्टार्ट नहीं होगी। हाल ही में इन्होंने चाइल्ड सेफ्टी एंड ऑन स्पॉट क्रिमिनल ट्रैकिंग डिवाइस बनाई है। इसके जरिए सभी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें दुर्घटनाओं से बचाया जा सकता है। इसके अलावा ऑनस्पॉट क्रिमिनल ट्रैकर डिवाइस के जरिए चेन स्नेचिंग, किडनैपिंग और मर्डर आदि होने पर अपराधी को तत्काल पकड़ा जा सकेगा। किसानों की राह आसान
राम सजीवन, गोंडा
मोबाइल स्प्रिंकलर फॉर इरीगेशन, मल्टीपैडलिंग पंप, विश्वकर्मा रथ और डबल स्टेय¨रग बेस्ड कार।
राम सजीवन ने हाल ही में डबल स्टेय¨रग बेस्ड कार बनाई है। इससे किसी भी व्यक्ति को कार चलाना सीखने में बहुत कम समय लगेगा। इस तकनीक को यातायात विभाग एनओसी दे देता है तो रामसजीवन इसे राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन का अहम हिस्सा बनाना चाहते हैं। साथ ही इन्होंने मल्टीपैडलिंग पंप भी बनाया, जो बिना इंधन के सस्ता एवं सुलभ संसाधन है। इससे किसानों को बहुत राहत मिल सकेगी। सुरक्षित सफर
राधेश्याम पांडेय, सुलतानपुर
मल्टीपरपज बैग, महिला सुरक्षा हेतु पैनिक बटन।
बाइक चोरी रोकने की डिवाइस, मल्टीपरपज ट्रैवलिंग बैग, मोडिफाइड सिक्योरिटी परपज साइड स्टैंड फॉर मोटरसाइकिल आदि राधे श्याम के प्रमुख इनोवेशन हैं। ऐसे स्वस्थ होगा भारत
विनय कुमार, बादा
मॉडिफाइड टायलेट एंड यूरिनल मॉडल फॉर ट्रेन वैगन
शिक्षा (आठवीं पास) और आर्थिक अभाव विनय की राह का रोड़ा नहीं बन सके। इन्होंने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर वैगन में लगे टायलेट द्वारा होने वाली गंदगी से निजात के लिए मॉडल बनाया।
अर्पित पांडेय, चंदौली
लो कास्ट इको फ्रेंडली मास्कीटो रेपलेंट
अर्पित की यह सोच स्वस्थ समाज का आधार बन सकती है। मच्छर रोधी के रूप में इसका प्रयोग कर सकते हैं। इनोवेशन अजब-गजब
गंगा राम चौहान, गोरखपुर
लाइट वेट फास्ट स्पीड साइकिल
गंगा राम का दावा है कि इनके द्वारा बनाई लाइट वेट साइकिल से करीब 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार प्राप्त कर सकते हैं। कम लगेगा पेट्रोल
विवेक कुमार पटेल, कौशाम्बी
ऑटोमोबाइल इंजन में माइलेज वृद्धि
विवेक अपने इनोवेशन के जरिए दावा करते हैं कि इससे टू व्हीलर बाइक से एक लीटर पेट्रोल में 153 किमी की दूरी तय की जा सकती है। उम्र कम, सोच बड़ी
जयप्रकाश बिंद, मिर्जापुर
साइकिल ऑपरेटेड कूड़ा उठाने की मशीन
कानपुर के पार्थ बंसल ने चाइल्ड इनोवेटर जयप्रकाश ने साइकिल ऑपरेटेड कूड़ा उठाने की मशीन बनाई है। यह कम समय में कूड़ा उठाने का काम करती है। इससे चलती रोड को साफ करना बेहद आसान हो जाएगा। वॉकिंग स्टिक फॉर पार्किंसन पेसेन्ट्स
कक्षा दस के छात्र पार्थ ने पार्किंसन रोग से पीड़ित मरीजों को चलने में सहायक स्टिक बनाई है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी इन्हें सम्मानित कर चुके हैं। ये होगा आयोजन में
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की टीम सभी खोज की उपयोगिता परखेगी और सभी पैमाने पर खरे उतरने वाली सोच को स्टार्ट-अप से जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम के अंतिम दिन चुने गए इनोवेटर्स को उनके उत्पादों को बाजार में उतारने के लिए 1.20 लाख व 2.40 लाख का अवार्ड दिया जाएगा। सीएसटी उप्र के संयुक्त निदेशक (इनोवेशन सेल) ने बताया कि तीन श्रेणियों में आवेदन मांगे गए थे। इनोवेटर, स्टार्ट-अप और राइड कैटेगरी। हमने 21 नामों की लिस्ट भेजी थी। इनमें से इनोवेटर में आठ, स्टार्ट-अप में दो और राइड श्रेणी में एक का चयन हुआ है। दो इनोवेटर किन्हीं कारणों से नहीं जा रहे हैं।