सामूहिक दुष्कर्म की शिकार छात्रा ने दे दी जान, मां ने लेखपाल और शिक्षक पर दर्ज कराया मुकदमा
दुष्कर्म पीडि़ता की आत्महत्या का मामला। पूर्व में दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लेने का दबाव और प्रताडि़त का है आरोप।
बाराबंकी, जेएनएन। देश की सर्वोच्च अदालत ने जिस दिन देश के बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म कांड के आरोपितों की सजा सुनाई उसी दिन बाराबंकी जिले में एक सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता ने जान दे दी। पीडि़ता की मां ने दुष्कर्म के आरोपितों पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने और प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले में दो अक्टूबर 2019 से लेकर सात जनवरी 2020 तक कुल तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं। पीडि़ता का सात जनवरी की सुबह कमरे में शव लटकता मिला था।
ये है पूरा मामला
मूल रूप से टिकैतनगर निवासी युवती करीब सात माह से जहांगीराबाद थाना क्षेत्र निवासी अपनी मौसी के घर रह रही थी। युवती एलएलबी प्रथम सेमेस्टर की छात्रा थी। परिवारजन ने बताया कि मंगलवार सुबह जब काफी देर तक वह बाहर नहीं निकली तो पता करने पर देखा की दरवाजा बंद है। कमरे में देखने पर उसका शव लटकता मिला। जहांगीराबाद पुलिस और पीआरवी ने घटना स्थल का जायजा लिया और मृतका का मोबाइल कब्जे में लेकर शव को पीएम के लिए भेज दिया है। मृतका की मां ने बताया कि उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इसका मुकदमा दो सितंबर 2019 को कोतवाली नगर में दर्ज किया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक आरएस गौतम ने बताया कि पहले मृतका की मां पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी पेशबंदी में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जान देने और इस मुकदमे का आपस में कोई संबंध नहीं है।
पहला मुकदमा
दो अक्टूबर 2019 को कोतवाली नगर के मुहल्ला मुनेश्वर विहार कॉलोनी निवासी शिव पल्टन वर्मा ने कोतवाली नगर में दर्ज कराए मुकदमे में दुष्कर्म पीडि़ता/मृतका और टिकैतनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी उसकी मां सहित एक अज्ञात वाहन चालक को नामजद किया था। इसमें कार खरीदने को लेकर विवाद बताया गया है। आरोप है कि रुपये देने के बाद भी कार देने से इंकार कर दिया गया था। मांगने पर दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया गया। एसपी आकाश तोमर का कहना है कि जालसाजी व आमनत में खयानत आदि की धारा में दर्ज इस मुकदमे की विवेचना चल रही है और साक्ष्य मिल रहे हैं।
दूसरा मुकदमा
न्यायालय के आदेश पर 18 नवंबर 2019 को महिला ने शिवकुमार (लेखपाल) निवासी मुहल्ला मुनेश्वर विहार कॉलोनी कोतवाली नगर और शिव पल्टन (शिक्षक) सहित एक अज्ञात चालक पर दुष्कर्म व धमकी का दर्ज कराया। इसमें दो सितंबर 2019 को कार से अपहरण कर तमंचे के बल पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया गया। एसपी का कहना है कि कोतवाली नगर में दर्ज इस मुकदमे में साक्ष्यों का अभाव और विरोधाभास के चलते मुकदमे में विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। सीओ ने फिर से विवेचना के आदेश दिए हैं।
तीसरा मुकदमा
जहांगीराबाद क्षेत्र के एक गांव में मौसी के घर रह रही विधि छात्रा दुष्कर्म पीडि़ता ने छह जनवरी की रात फांसी लगा ली। मृतका की मां ने जहांगीराबाद थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में अपने विपक्षी शिव कुमार व शिव पल्टन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि दुष्कर्म का मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाने और प्रताडि़त करने के कारण आत्महत्या का आरोप लगाया है।
प्रथम दृष्टया पेशबंदी का मामला, जांच जारी : एसपी
बुधवार को डीएम डॉ. आदर्श सिंह और एसपी आकाश तोमर ने संयुक्त पत्रकार वार्ता की। एसपी ने बताया कि मृतका अपने पति से विवाद के कारण मौसी के यहां रह रही थी। उसके पिता ने आत्महत्या पर कोई शक नहीं किया है। प्रथम दृष्टया पारिवारिक विवाद के चलते आत्महत्या करना प्रतीत हो रहा है। शव को पीएम के लिए भेजने के बाद मृतका की मां की ओर से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रकरण की जांच एएसपी आरएस गौतम के सौंपने के साथ कारणों की जांच के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं।