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कैंसर से लड़ रहे जिंदादिल शायर डॉ. निर्मल दर्शन

छह दिसंबर 2018 को पेट का कैंसर पता चलने के बाद भी उनकी खुशमिजाजी बरकरार है। पहले जैसी ही गर्मजोशी के साथ वह कैंसर से लड़ रहे हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 04:11 PM (IST)
कैंसर से लड़ रहे जिंदादिल शायर डॉ. निर्मल दर्शन

लखनऊ, जेएनएन।

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आपको कैंसर निकल आया है। (डॉक्टर)

मुझे कैंसर निकल आया है, ठीक है। अब ये बताइए मैं इससे कैसे निकलूं? (शायर)

खुद को एक गंभीर बीमारी की चपेट में पाकर भी जिंदादिली कायम रखने वाले ये शख्स हैं-शायर डॉ. निर्मल दर्शन। छह दिसंबर 2018 को पेट का कैंसर पता चलने के बाद भी उनकी खुशमिजाजी बरकरार है। पहले जैसी ही गर्मजोशी के साथ वह कैंसर से लड़ रहे हैं। टेढ़ी पुलिया स्थित प्रताप नगर निवासी शायर का अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनके परिवार में पत्‍नी मोनिका चौहान और चार वर्षीय बेटी केसर है।

डॉ. निर्मल ने बताया कि दो साल पहले तकलीफ शुरू हुई थी। एक साल तक टेस्ट में जूझता रहा, पर कुछ पता नहीं चल रहा था। बाद में पेट में कैंसर (चौथा चरण) का मालूम हुआ। परिवार और चाहने वालों के साथ के कारण जीवन में ठहाके आज भी पहले की तरह ही लग रहे हैं। बीमारी से संघर्ष के प्रश्न पर उन्होंने कहा..

जिंदगी सिर्फ गम ही गम तो नहीं

अपने हिस्से में ये अलम तो नहीं

और भी लोग हैं जो हैं गमगीन

तुम ही तुम या कि हम ही हम तो नहीं..

डॉ. कुमार विश्वास भी आए थे

कुछ दिन पहले कवि डॉ. कुमार विश्वास भी मिलने पहुंचे थे। उन्होंने हाल चाल जानने के साथ ही हर संभव मदद का वादा भी किया।

शायर के कृतित्व पर एक नजर

विधा : गीत, गजल, कहानी, लेख, पटकथा आदि। विभिन्न लिटरेचर फेस्टिवल में पैनलिस्ट के रूप में प्रतिभागिता। विभिन्न विषयों की कई किताबों का संपादन।

अभिनय : पद्मभूषण गोपाल दास नीरज बहादुर शाह जफर के साथ दिल्ली मुशायरे की आखिरी शमां में मिर्जा दाग देहलवी की भूमिका का अभिनय। फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली द्वारा निर्मित हुस्ने जानां में गीत लेखन।

सम्मान : साहित्य श्री, स्वतंत्रता स्वर्ण जयंती सम्मान, नगर गौरव, युवा रत्‍न सम्मान, युवा शिरोमणि, उर्मिलेश गजल सम्मान, सुर कला सम्मान और सारस्वत सम्मान आदि।

शायर के लिए कार्यक्रम आज

महफिल-ए-दास्तानगोई कार्यक्रम का आयोजन रविवार को किया जा रहा है। हिमांशु बाजपेई दास्तान खान-ए-खानां (6:15-7:15) और दास्तान-ए-आवारगी (मजाज लखनवी) (7:45-8:15) की प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम कैफी आजमी अकादमी में होगा। आयोजन से एकत्र सारी राशि डॉ. निर्मल दर्शन के इलाज पर खर्च होगी।


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