दारोगा बोला, समझौता कर लो या घर छोड़ दो
संसू, लखनऊ : प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के चाहे जितने दावे कर रही हो लेकिन यहां क
संसू, लखनऊ : प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के चाहे जितने दावे कर रही हो लेकिन यहां की पुलिस ही उसके दावों को तार- तार करने में लगी है। ताजा मामला पीजीआइजी क्षेत्र का है। यहां थाने में छेड़खानी की शिकायत लेकर पहुंची एक छात्रा के मामले में कार्रवाई के बजाए दारोगा जी उससे बोले, समझौता करो या घर छोड़ दो। इसी में तुम्हारा भला है।
रायबरेली रोड निवासी खाड़ी देश में नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की बेटी बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह यहां अपनी मां और सात वर्षीय भाई के साथ रहती है। छात्रा के मुताबिक पड़ोस में रहने वाला सत्यम करीब छह माह से उसे परेशान कर रहा है। स्कूल आते-जाते समय वह अक्सर रोक लेता है। बताया कि शनिवार को वह अपनी मां के साथ पार्क में टहल रही थी। इस बीच सत्यम पहुंचा और छेड़छाड़ करते हुए उसका हाथ पकड़कर खींच लिया। मां ने विरोध किया तो धमकाने लगा। मामले की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को पूरा मामला बताया। पुलिसकर्मी आरोपितों पर कार्रवाई के बजाएय समझौते का दबाव बनाकर चले गए। छात्रा ने बताया कि रविवार सुबह करीब नौ बजे वह तहरीर लेकर थाने पहुंची। पूरी व्यथा सुनकर दारोगा ने कहा कि अकेले रहती हो तो समझौता करो या फिर घर छोड़कर चली जाओ। छात्रा का आरोप है कि वह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक थाने में बैठी रही पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
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किसी बड़े अधिकारी से फोन पर कराई बात, बैरंग लौटी पुलिस
छात्रा के मुताबिक घटना की सूचना पर डायल 100 की गाड़ी पहुंची। गाड़ी से पुलिस कर्मी उतरे और पूछताछ करने लगे। सत्यम उनके सामने भी धमकी दे रहा था। इसके बाद उसने फोन पर किसी बड़े अधिकारी से पुलिस कर्मियों की बात कराई। जिसके बाद पुलिसकर्मी समझौते का दबाव बनाते हुए चले गए।
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बार-बार डोर बेल बजाकर परेशान करता है युवक व उसके दोस्त
छात्रा ने बताया कि युवक की इन हरकतों से वह और उसके परिवारीजन मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं। अक्सर शोहदा और उसके दोस्त घर की डोर बेल बजाकर कुछ दूर पर जाकर खड़े हो जाते हैं। मां अथवा उसका भाई जब गेट खोलता है तो शोहदे गाली-गलौज करते हैं। दोनों पक्षों में कूड़ा डालने को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्ष थाने आए थे। छात्रा ने तहरीर में हाथ पकड़ने और धमकी की बात लिखी है। छेड़छाड़ जैसी कोई बात नहीं है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। दारोगा द्वारा समझौते का दबाव बनाने या घर छोड़ देने की बात निराधार है।
रविंद्र नाथ राय, इंस्पेक्टर पीजीआइ