लर्निंग विद फन प्रोजेक्ट : खेल और मस्ती के साथ बच्चे पढ़ेंगे पाठ
सरकारी स्कूलों में सुधरेगा पढ़ाई का माहौल। बख्शी का तालाब क्षेत्र से लर्निंग विद फन प्रोजेक्ट का आगाज। सभी ब्लॉकों में होगी शुरुआत।
लखनऊ, जेएनएन। गांवों के सरकारी स्कूलों में भी बच्चों में सीखने और पढ़ाने की जबर्दस्त क्षमता है लेकिन जरूरत है उनको पठन-पाठन का बेहतर महौल उपलब्ध कराने की। बच्चों को बेहतर माहौल मुहैया कराने के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन मिलकर लर्निंग विद फन एक्टीविटी शुरू कर रहा हैं। बख्शी का तालाब में इसकी शुरुआत हो चुकी है जल्द ही दूसरे ब्लाकों में भी इसे अपनाया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों के बच्चों में सीखने की ललक कान्वेंट स्कूल के बच्चों से कम नहीं है। हमारी कोशिश है कि स्कूलों में ऐसा माहौल पैदा किया जा सके जिससे बच्चे पाठ को मस्ती के साथ पूरा करें। बच्चों को खेल और आनंद के साथ चीजों को सिखाने के लिए लर्निंग विद फन कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। इसमें कुशल टीचरों द्वारा जिन्होंने कुछ अलग तरीके से बच्चों को पढ़ाया हो उनकी मदद ली जा रही है। योग्य टीचरों द्वारा दूसरे शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलायी जा रही है।
तीन श्रेणियों में बांटे गए बच्चे
स्कूल स्तर पर बच्चों के ज्ञान को परखने के लिए तीन श्रेणियों में बांटा गया। हिंदी, अंग्रेजी व गणित में करीब 30 हजार छात्रों का मूल्यांकन कर उनको हरे, पीले व लाल रंग में बांटा गया। हरा रंग उन बच्चों को दिया गया जिनका प्रदर्शन ठीक था। पीले रंग में संतोषजनक प्रदर्शन करने वाले बच्चों को रखा गया और लाल रंग उन बच्चों को दिया गया जिन पर अधिक काम करने की जरूरत है।
बीकेटी में सफल रहा प्रयोग
खंड शिक्षाधिकारी सतीश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक प्रयोग सफल रहा है। ब्लॉक शिक्षकों द्वारा माड्यूल बना कर करीब एक हजार शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित गई। शिक्षकों ने लाल श्रेणी के बच्चों पर विशेष बल देते हुए उनकी माताओं से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सहयोग मांगा तथा शिक्षण पद्धति, वर्णमाला पद्धति से इतर पूर्ण से अंश की ओर पद्धति का प्रयोग करते हुए कहानी, शब्द आधारित गतिविधियों, अक्षर व बाराखड़ी आधारित गतिविधियों का समावेश किया गया, जिससे बच्चो की रुचि अंत तक बनी रही और पढऩे का अनुभव लिया।
सभी ब्लाक में शुरू होगा : सीडीओ
सीडीओ मनीष बंसल के मुताबिक बख्शी का तालाब में इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। जल्द ही इसे पूरे जिले में शुरू किया जाएगा। बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधारे बिना किसी तरह का विकास बेमानी है।
प्रोजेक्ट की मुख्य बातें
- कक्षा को एक्टिव बनाने के लिए पांच से सात मिनट तक बच्चों को विषय आधारित जानकारी, आंकड़े व सूचनायें दी जाती हैं।
- 15 से 20 मिनट तक किसी विषय पर खोजबीन करने, आंकड़े एकत्र करने या सोच कर समस्या का समाधान करना।
- बच्चों के पास जा कर उनकी व्यक्तिगत समस्या को देखना।
- बच्चों को याद कर आने को नहीं बल्कि कैसे याद करना है इसकी विधि बताई।
- विभिन्न गतिविधियों व खेलो के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।
- आठ तरीकों से बच्चों को पहाड़े याद कराना, फ्लैश कार्ड द्वारा शब्दों का निर्माण, व याद करने के लिंक मेथड व थ्रेड मेथड प्रभावशाली रहे।