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अपनी कॉलोनियों में यूजर चार्ज वसूलेगा एलडीए, मी‍टिंग में तय हुए बीस प्रस्ताव

एलडीए की बोर्ड की मीटिंग में लिए गए कई अहम फैसले, रोहतास की इंटीग्रेटेड टाउनशिप की डीपीआर होगी पास।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 09:41 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 06:40 AM (IST)
अपनी कॉलोनियों में यूजर चार्ज वसूलेगा एलडीए, मी‍टिंग में तय हुए बीस प्रस्ताव

लखनऊ, जेएनएन । एलडीए बहुत जल्द नगर निगम के दायरे से बाहर स्थित अपनी कॉलोनियों में यूजर चार्ज वसूलेगा। एलडीए की बोर्ड मीटिंग में शनिवार को इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। 

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प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग मंडलायुक्त अनिल कुमार गर्ग की अध्यक्षता में हुई। इसमें डीएम कौशलराज शर्मा, एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह, सचिव एमपी सिंह, नगर आयुक्त डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी के अलावा बोर्ड के अधिकांश सदस्य मौजूद रहे। कुल 20 प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष पेश किए गए। 

ये फैसले भी

  • आउटर रिंग रोड का लैंडयूज तय करने के लिए सीटीपी और सीटीसीपी को किया गया अधिकृत
  • गोमती नगर रेलवे स्टेशन के लेआउट को स्वीकृति मगर पहले बनेगा ट्रैफिक प्लान

इन कॉलोनियों में लगेगा यूजर चार्ज

वीसी प्रभु एन सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने हाल में गोमती नगर विस्तार में चार करोड़ रुपये में मशीनों से सफाई का टेंडर किया है। इसके अतिरिक्त अन्य खर्च भी अपनी कॉलोनियों पर कर रहे हैं। इसलिए नगर निगम से बाहर के क्षेत्रों पर कुछ यूजर चार्ज हम लगाएंगे। इसमें गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम विस्तार और कानपुर रोड की मानसरोवर योजना के सेक्टर ओ तथा पी शामिल हैं। तय किया गया कि इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव अगली बोर्ड मीटिंग में लाया जाएगा। इसमें कितना शुल्क वसूला जाएगा, इसका विवरण भी होगा। इसके अलावा आउटर रिंग रोड पर लेआउट तय करने के लिए सीटीपी और सीटीसीपी को अधिकृत किया गया है।  

रोहतास के आवंटियों को राहत, पास होगी डीपीआर

रोहतास के हजारों आवंटियों को एलडीए बोर्ड ने राहत दी है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 के तहत एंडस टाउन प्लानर्स प्रालि की डीपीआर, जोकि 111.30 एकड़ की है, उसको एलडीए उपाध्यक्ष की कमेटी को पास करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। इसके तहत विकासकर्ता को रेरा के आदेशों का पालन करने का नोटिस दिया जाएगा। एलडीए उपाध्यक्ष के अनुसार रोहतास को सबसे पहले इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप के आवंटियों को कब्जा देना होगा। इसके बाद अपनी ही दूसरी योजनाओं के आवंटियों को समायोजित करना पड़ेगा। आखिर में अगर कोई संपत्ति बचती है तो उसको स्वतंत्र तौर पर बेचा जा सकेगा। डीपीआर अनुमोदन से पहले रोहतास से इन सारे मुद्दों पर स्वीकृति ली जाएगी। उसके बाद ही अनुमोदन मिलेगा।


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