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शान ए अवध : अखिलेश के सवाल पर आइएएस का जवाब, कहा एलडीए को मिला मुनाफा

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद पथ पर शान ए अवध परिसर को निजी हाथों में देने पर दो साल बाद उठाए सवाल प्रभु एन सिंह ने दिया जवाब।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 02:04 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 06:25 AM (IST)
शान ए अवध : अखिलेश के सवाल पर आइएएस का जवाब, कहा एलडीए को मिला मुनाफा

लखनऊ, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शान ए अवध की बिक्री पर सवाल उठा दिया है। उनके सोशल मीडिया पर ये सवाल उठाने के बाद एलडीए ने अपनी फाइलें निकालना शुरू कर दी हैं। यही नहीं आगरा के डीएम और तत्कालीन एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने भी अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि शान ए अवध को निजी क्षेत्र में बेचने से एलडीए को बहुत फायदा हुआ है। इसके लिए कुल 565 करोड़ रुपए के खर्च की योजना थी मगर केवल 167 करोड़ ही खर्च किया गया। जमीन और एलडीए के प्रशासनिक व्यय मिला कर जितना बजट बना था उससे एक करोड़ से अधिक एलडीए को प्राप्त हुआ था। ऐसे अनेक कामर्शियल कांप्लेक्स हैं जिनको एलडीए ने खुद संचालन की कोशिश की मगर प्राधिकरण कुछ नहीं कर सका।

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 दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर बने  लखनऊ का शान- ए- अवध 18 मई 2016 को  बिक गया था। इसे 428.17 करोड़ रुपये में डेस्टिनी हॉस्पिटैलिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने खरीदा था। इसकी ई- नीलामी करवाई थी। इसमें मुंबई और कोलकाता की दो कंपनियों ने बोली लगाई थी। गोमतीनगर विस्तार में इकाना स्टेडियम के पास एलडीए ने कनॉट प्लेस की तर्ज पर शॉन- ए- अवध प्रॉजेक्ट को बनाना शुरू किया था। 12 एकड़ में बन रहे इस परियोजना की कीमत जमीन मिला कर 565 करोड़ रुपये आंकी गई थी। इसमें  करीब 167 करोड़ रुपये एलडीए खर्च किया था। करीब दो सौ करोड़ जमीन की कीमत थी। शान- ए- अवध का काम पूरा करवाने के लिए एलडीए ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इसे निवेशकों के बीच में उतरा था।


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