मौतें नहीं हिला सकीं अवैध होटलों की नींव, कागजों तक सिमटे LDA के आदेश
यह मिलीभगत का नतीजा ही है कि एक भी अवैध होटल नहीं ढहा सका एलडीए। वहीं पिछले सात महीने में विभिन्न होटलों में हादसों के दौरान बच्चे समेत आठ की हो चुकी है मौत।
लखनऊ, [ऋषि मिश्र] । आग लगने से सात लोगों की मौत और ग्रिल टूटने से बच्चे की मौत। ये मौतें सुनने में तो सामान्य लगती हैं मगर इनके पीछे होटलों के अवैध निर्माण एक वजह हैं। छोटे-छोटे प्लॉटों पर लगातार बहुमंजिले होटल बनते जा रहे हैं।
नाका हिंडोला से आलमबाग तक और गोमती नगर से लेकर फैजाबाद रोड तक घरों को होटलों में तब्दील किया जा रहा है। मगर, राजधानी में कार्रवाई अब भी कागजों पर ही हो रही है। जून से जनवरी हो गया, मगर अब तक एक भी होटल का अवैध निर्माण एलडीए ढहा नहीं सका है। यहां तक कि उन दो होटलों का निर्माण भी ध्वस्त नहीं किया गया, जिनमें आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह फैजाबाद रोड पर होटल में ग्रिल टूटने से दिसंबर में एक बच्चे की मौत गिरने की वजह से हुई थी। ये होटल प्राधिकरण ने सील तो जरूर किए मगर ध्वस्तीकरण के लिए केवल कागजी आदेश ही किए गए। इसी तरह पिछले छह महीने में चारबाग क्षेत्र के करीब तीन दर्जन होटलों के अवैध निर्माण ध्वस्त करने के आदेश दिए एग। इनमें से चार होटलों को तो गिराने का आदेश शुक्रवार को ही किया गया, मगर होटल ढहाए नहीं गए।
जिम्मेदार अभियंता भी शांत
चारबाग के होटलों में आग लगने के बाद जांच की गई। फाइलें निकाली गईं, मगर जिम्मेदार अभियंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ये बात दीगर है कि लेसा ने जरूर मकान का नक्शा पास होने के बावजूद होटल को बिजली कनेक्शन देने पर अपने अभियंताओं पर कार्रवाई की थी। एलडीए के अभियंता सुरक्षित हैं। लविप्रा के विहित प्राधिकारी संजय पांडेय ने बताया कि हम कार्रवाई करेंगे। अवैध होटल बनने नहीं दिए जाएंगे। इसके साथ ही जिनके भी ध्वस्तीकरण का आदेश है, उस पर बहुत जल्द पालन किया जाएगा।