बागवान बनेगा नगर निगम और LDA, सवंरेंगे लखनऊ के एक हजार पार्क Lucknow News
लखनऊ के उजड़े पड़े हुए पार्कों को फिर से संवारा जाएगा। इसमें 50 प्रतिशत नगर निगम 25-25 प्रतिशत आविप व एलडीए भाग लेगा।
लखनऊ, जेएनएन। जल्द ही आपके घर के सामने उजाड़ पड़े पार्क में भी फूल खिलखिलाते मिलेंगे। चारों तरफ हरियाली नजर आएगी तो बारिश का पानी भूजल की गगरी को भरने का काम करेगा। पहली बार एक साथ शहर के हजार पार्को को संवारा जा रहा है। यह वे पार्क हैं, जहां सरकारी योजनाओं की परछाई तक नहीं पड़ी और जनप्रतिनिधियों ने भी उनसे मुंह मोड़ रखा था। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ की पहल पर मृत पड़े पार्को को फिर जीवित किया जाएगा। ऐसे बदहाल पार्को में पचास प्रतिशत को नगर निगम और पचीस-पचीस प्रतिशत को एलडीए और आवास विकास परिषद संवारेंगे।
नगर निगम ने योजना के क्रियान्वयन का खाका तैयार कर लिया है। आवास विकास परिषद और एलडीए की योजनाओं से हस्तांतरित पार्को की देखभाल का जिम्मा भी तय हो गया है। ये पार्क आवास विकास परिषद को ही संवारने होंगे। एलडीए की गोमतीनगर कालोनी, विकल्प खंड, विराज खंड, जानकीपुरम के कई खस्ताहाल पार्क शामिल हैं। आवास विकास परिषद की वृदांवन कॉलोनी के पार्क भी कबाड़खाना बन गए हैं।
- नगर निगम सीमा में कुल पार्क 1891
- विकसित पार्क : 753
- अर्धविकसित पार्क : 904
- (बाउंड्री तो है, लेकिन वहां लॉन नहीं है। पानी और माली का भी इंतजाम नहीं है।)
- अविकसित पार्क : 234
- (जहां कुछ भी नहीं है। मैदान की तरह नजर आते हैं।)
क्या कहते हैं जिम्मेदार
नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि पार्को को संवारने का प्लान तैयार हो रहा है। सभी पार्को में यह देखा जा रहा है कि उसे कम खर्च में कितना अच्छा बनाया जा सके। यह भी प्रयास हो रहा है कि संवारने के बाद पार्क की देखभाल आवासीय समितियों को ही दे दिया जाएगा।
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ ने कहा कि पार्क बदहाल होने से उसका प्रभाव पूरे इलाके पर दिखता है। लोग सुबह और शाम को टहलने की जगह तलाश करते हैं। बच्चे भी पार्क में नहीं जा पाते हैं। इसलिए निर्णय लिया गया है कि शहर के सभी पार्को को संवारा जाएगा। एक हजार पार्क चिह्न्ति किए गए हैं, जिन्हें संवारा जाएगा। हर पार्क में फूलदार पौधे लगाने के साथ एक-दो जगह छायादार पौधे भी लगाए जाएंगे। पार्क के भीतर चारों तरफ मौरंग और सुर्खी से पथ बनाए जाएंगे, इससे एक लाभ यह भी होगा कि बारिश का पानी संचयन हो सकेगा।